– 2014 के किसान आंदोलन से जुड़े मामले में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2 जनवरी को साक्ष्य की तारीख की तय

अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। वर्ष 2014 में किसानों एवं राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) तथा भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा स्व. चौधरी अजित सिंह की दिल्ली स्थित कोठी खाली कराए जाने के विरोध में किए गए प्रदर्शन से जुड़े मामलों में आज स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट, गाजियाबाद ने अहम आदेश दिया।
स्पेशल जज एमपी-एमएलए श्री निशांत मान की अदालत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, पूर्व विधायक सुदेश शर्मा, पूर्व मंत्री दलवीर सिंह, पूर्व विधायक वीर पाल राठी, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, चेयरमैन अमरजीत सिंह बिडडी, पूर्व प्रमुख अजय पाल सहित अन्य आरोपी न्यायालय में पेश हुए।
बताया गया कि मुरादनगर गंग नहर पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था, जिसके बाद मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में कुल 36 लोगों को नामजद किया गया था। सभी आरोपी नियमित रूप से न्यायालय में हाजिरी दे रहे हैं।
आज की सुनवाई में राकेश टिकैत अपने अधिवक्ता चौधरी अजय वीर सिंह के साथ उपस्थित हुए। बचाव पक्ष ने दलील दी कि पुलिस द्वारा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप लगाए गए हैं तथा अभियोजन पक्ष कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका है, इसलिए सभी आरोपियों को आरोप मुक्त किया जाना चाहिए।
वहीं सरकारी वकील बिशंबर सिंह ने अदालत में कहा कि मामले में साक्ष्य परीक्षण के बाद ही यह तय हो सकेगा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं या नहीं, इसलिए इस स्तर पर आरोप मुक्त करना उचित नहीं है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्पेशल जज श्री निशांत मान ने सभी आरोपियों पर आरोप तय करते हुए मामले में साक्ष्य के लिए अगली तारीख 2 जनवरी निर्धारित कर दी।
