Dainik Athah

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ऐसा हो जो सरकार के साथ साध सके संतुलन

14 जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद

प्रदेशभर की नजर उत्तर प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष पर



अशोक ओझा
लखनऊ।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की बंपर जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की नजर अब उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई है। इसी ध्यान में रखते हुए और संगठन को मजबूत करने और रणनीतियों को धार देने में जुटी है। भाजपा ने बुधवार को जिस प्रकार अचानक 14 और जिलाध्याक्षों के नाम की घोषणा कर दी, इसके बाद फिर से भाजपा के प्रदेश नेतृत्व में फेरबदल को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा यह भी है कि अध्यक्ष ऐसा हो जो सरकार के साथ संतुलन बनाकर चल सकें।
इस साल मार्च में भाजपा ने 70 जिला और महानगर अध्यक्षों की घोषणा की थी, अब करीब नौ महीने बीतने के बाद पार्टी ने पिछड़ा एवं दलित समाज को ध्यान में रखते हुए इस हफ्ते की शुरूआत में 28 लंबित शहरों/ जिलों में से 14 के लिए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी। 14 और जिला/शहर इकाई प्रमुखों की घोषणा से यह चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी अंतत: एक नए राज्य इकाई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तैयार है

वर्तमान में किस जाति से कितने इकाई प्रमुख
अब तक घोषित 84 अध्यक्षों में से 31 ओबीसी, 7 अनुसूचित जाति (एससी) और शेष 46 सामान्य वर्ग से हैं. जहां 70 नामों की पहली सूची में सामान्य वर्ग से ज्यादा और ओबीसी से लगभग 25 नाम थे, वहीं इस बार बुधवार को जब 14 अतिरिक्त नाम घोषित किए गए, तो ओबीसी और एससी का अनुपात लगभग आधा रह गया (6 ओबीसी, 1 एससी).

इन जिलों में हुई घोषणा
पार्टी ने मेरठ, हापुड, फिरोजाबाद जिला, हाथरस, अलीगढ महानगर, अलीगढ़ जिला, एटा, जालौन, झांसी महानगर, हमीरपुर, फतेहपुर, बाराबंकी, जौनपुर और कौशांबी शहरों के लिए अपने प्रमुखों की घोषणा की है. पार्टी नेताओं ने कहा कि 14 इकाइयों के अध्यक्षों की घोषणा होनी अभी बाकी है. इनमें वाराणसी जिला, अयोध्या, सहारनपुर, अंबेडकरनगर और चंदौली प्रमुख हैं।

पंचायत और विधान परिषद चुनाव पर पार्टी का फोकस
भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी का पूरा ध्यान अब प्रदेश अध्यक्ष पर है, जो 2027 के विधानसभा चुनावों और उससे पहले होने वाले पंचायत चुनावों तथा विधान परिषद चुनाव में राज्य का नेतृत्व करेगा। उत्तर प्रदेश सबसे बड़े राज्यों में से एक होने के कारण, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष का चयन एक-दूसरे से जुड़ा होगा। अब नये अध्यक्ष को लेकर फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अध्यक्ष ऐसा हो जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ तालमेल कर चलें।


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