Dainik Athah

इंसान अपने अहंकार व लालच के कारण ही प्रभु को अपने मन में ऊंचा स्थान नहीं दे पाता : मुनि श्री

अथाह संवददाता, मेरठ। सरधना आदर्श नगर स्थित श्री 1008 चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर जी में चल रहे धार्मिक कार्यक्रमों की श्रंखला मे श्री जी की शांतिधारा करने का सौभाग्य नमन जैन तुषार जैन को मिला। प्रात:काल की बेला में मुनि श्री 108 विशाल सागर जी महाराज प्रतिदिन भक्तों को श्री भक्तांबर जी का सही उच्चारण कर शुद्ध रूप से श्री भक्तांबर जी का पाठ बोलना सिखा रहे हैं मुनि श्री 108 वीर सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया कि इंसान के पतन का सबसे बड़ा कारण उसका अपना अहंकार अभिमान होता है जो कि इंसान को कभी भी ऊपर उठने नहीं देता है मुनि श्री ने अहंकार को कचरे के ढेर की संज्ञा दी।

उन्होंने श्रद्धालुओं से प्रसन्न किया कि मनुष्य श्रृंगार क्यों करता है परफ्यूम क्यों लगाता है तब उन्होंने स्वयं ही उत्तर दिया अपने शरीर की कमी को छिपाने के लिए श्रृंगार करता है तथा तन की दुर्गअंता को दूर करने के लिए परफ्यूम लगाता है।

सांसारिक इंसान यह तो चाहता है कि लक्ष्मी आ जाए पर यह नहीं चाहता कि उनके स्वामी भी आ जाएं उनको यह नहीं पता कि अगर उनके स्वामी आ गए तो लक्ष्मी तो अपने आप स्वयं आ जाएगी।

इंसान अपने अहंकार व लालच के कारण ही प्रभु को अपने मन में ऊंचा स्थान नहीं दे पाता है यही उसके भव-भव में भटकने का कारण बनता है डॉक्टर अमरीश कुमार जैन ने बताया कि महाराज श्री का कल बुधवार सुबह 8:30 बजे आदर्श नगर जैन मंदिर से श्री पदम प्रभु दिगंबर जैन मंदिर चौक बाजार के लिए विहार होगा।

इस अवसर पर अनिल जैन पंकज जैन डॉक्टर अमरीश जैन सुशील जैन सुरेंद्र जैन सौरभ जैन आलोक जैन मुकेश जैन कल्लू मल जैन नितिन जैन नवीन जैन विकास जैन लोकेश जैन नमन जैन अरिहंत जैन दीपक जैन राहुल जैन ऋषभ जैन विनोद जैन आदि उपस्थित रहे।

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