- छात्रों पर हुई कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी, सीओ को हटाने के आदेश
- मंडलायुक्त अयोध्या को रामस्वरूप विश्वविद्यालय बाराबंकी की डिग्री की वैधता की जांच के आदेश, शाम तक मांगी गई रिपोर्ट
- लाठीचार्ज की घटना की आईजी अयोध्या रेंज करेंगे जांच, मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
अथाह ब्यूरो
बाराबंकी। बाराबंकी की श्रीराम स्वरूप स्मारक विश्वविद्यालय में सोमवार को हुए लाठीचार्ज मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। करीब 25 छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता इस लाठीचार्ज में घायल हुए थे। सोमवार देर रात प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के आदेश पर सीओ नगर हर्षित चौहान को पद से हटा दिया गया है, जबकि नगर कोतवाली प्रभारी रामकिशन राणा, गदिया चौकी प्रभारी समेत चौकी की पूरी पुलिस फोर्स को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इस प्रकरण की जांच अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार को सौंपी गई है।
इधर मुख्यमंत्री योगी की नाराजगी के बाद अयोध्या मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक मंगलवार दोपहर करीब 2:30 बजे छानबीन के लिए रामस्वरूप विश्वविद्यालय पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने डिग्री संबंधी मामले और लाठीचार्ज की घटनाओं को लेकर विश्वविद्यालय परिसर का जायजा लिया और तथ्य जुटाए।
बता दें कि लाठीचार्ज से नाराज एबीवीपी कार्यकर्ता और छात्र मंगलवार को लखनऊ में विधानसभा घेराव के लिए पहुंचे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और कई कार्यकतार्ओं को हिरासत में लेकर इको गार्डन भेजा गया।
विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिस एबीवीपी कार्यकतार्ओं पर लाठियां बरसाती नजर आ रही है। अखिलेश यादव ने लिखा कि बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज, सरकार की नाकामी और हताशा की निशानी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिपरिषद की बैठक में भी इस घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने अयोध्या मंडलायुक्त से रामस्वरूप विश्वविद्यालय की डिग्री संबंधी मामले की रिपोर्ट और आईजी अयोध्या से लाठीचार्ज की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिसको लेकर अयोध्या मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक मंगलवार दोपहर छानबीन के लिए रामस्वरूप विश्वविद्यालय पहुंचे हैं।
