शिवरात्रि व्रत 23 जुलाई को ही होगा
शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधानकेंद्र गाजियाबाद केआचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसारइस बार श्रावण की शिवरात्रि 23 जुलाई को है 23 जुलाई को ही शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। शिवरात्रि व्रत श्रावण कृष्ण चतुर्दशी में रखा जाता है। 23 जुलाई को प्रातः 4:39 बजे तक श्रावण कृष्ण त्रयोदशी है। 4:40 पर चतुर्दशी आ जाएगी जो अगले दिन रात्रि 2:28 तक रहेगी।प्रातः काल 4:40 बजे से कावड़ क्यों द्वारा ले गए विभिन्न नदियों के जल अथवा गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक आरंभ हो जाएगा।त्रयोदशी का जल जिसे हाजिरी का जल कहते हैं। वह एक दिन पूर्व 22 जुलाई को प्रातः 7:06 बजे से हो आरंभ हो जाएगा।इस बार शिवरात्रि पर मूसल योग बन रहा है। जो शुभ नहीं होता है। पूरे वर्ष पर देश विदेश में भगवान शिव का तांडव होता रहेगा। इसका भाव यह होता है कि विश्व में आसुरी प्रवृत्तियां, अराजकता वादी उत्पात मचाने का प्रयास करेंगे। इनका दमन करने के लिए भगवान शिव तांडव करेंगे अर्थात शत्रुओं का विनाश करेंगे।अगर ग्रहों का योग माने तो उस दिन गजकेसरी योग प्रातःकाल 12 वें स्थान में शत्रु राशि मिथुन में बन रहा है । इसका प्रभाव अधिक शुभ नहीं होता है। दूसरे भाव में सिंह राशि में मंगल केतु का अंगारक योग भी शुभ नहीं है।किंतु इन सब की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि भगवान शिव तो आशुतोष हैं। समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल हुए विष को पी करके जिन्होंने तीनों लोगों का कल्याण किया था । भगवान शिव की श्रद्धा पूर्वक पूजा व व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होंगे और अभीष्ट फल प्रदान करेंगे। शिवरात्रि के दिन साधकों व भक्तगणों भगवान को पंचामत दूध, दही ,शहद घी गंगाजल आदि से भगवान शिव को अभिषेक करते हैं।शिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव की प्रार्थना ,स्तुति,महामृत्युंजय मंत्र का जाप, ओम् नमः शिवाय का जाप, शिव तांडव स्त्रोत आदि का पाठ करने से इच्छित फल मिलता है।
विभिन्न इच्छापूर्ति हेतु भगवान शिव को निम्नलिखित वस्तुएं अभिषेक के रूप में चढ़ाना चाहिए। 1.धन-धान्य और सुख समृद्धि के लिए भगवान को पंचामृत, दूध, दही घी से अभिषेक करना चाहिए। 2.धन की इच्छा से गन्ने के रस का अभिषेक करें। 3.पुत्र सन्तान की इच्छा से गोधूम (गेहूं)व घृत से अभिषेक करें।4.शत्रु नाश के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें।5. सभी कष्टों से मुक्ति के लिए गंगाजल और दूध से अभिषेक करें।6. विश्व शांति कल्याण के लिए गंगाजल और शर्करा से अभिषेक करें।

पंडित शिवकुमार शर्मा,. ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कन्सलटैंट गाजियाबाद
