Dainik Athah

खुशखबरी: गरीबों के लिए गाजियाबाद में उत्सव भवनों का निर्माण करेगा जीडीए

  • गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और वास्तुकला परिषद (काउंसिल आॅफ आर्किटेक्चर) के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
  • उत्सव भवनों के डिजाइन एवं चौराहों/ जंक्शनों की सुंदरता बढाने के लिए प्राधिकरण का बडा़ कदम
  • साझेदारी के अंतर्गत आयोजित की जाएंगी प्रतियोगिता
  • प्रदेश के मुख्यमंत्री के निदेर्शों के क्रम मे जीडीए की त्वरित कार्यवाही

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा गाजियाबाद आगमन पर गरीब एवं असहाय लोगों के लिए उत्सव भवनों के निर्माण और शहर के चौराहों/ जंक्शनों की सुंदरता को बढाने के उद्देश्य से दिए गए निदेर्शों के क्रम में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और वास्तुकला परिषद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी के अंतर्गत पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें उत्सव भवनों की डिजाइन एवं गाजियाबाद के चौराहों/ जंक्शनों की सुंदरता बढाने के लिए प्रतियोगिताओें का आयोजन किया जाएगा।
काउंसिल आॅफ आर्किट्रेचर/ वास्तुकला परिषद (सीओए), जो कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है, एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के बीच 7 जुलाई सोमवर को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य जीडीए के क्षेत्राधिकार में वास्तुकला एवं शहरी विकास से जुड़े नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।

इस साझेदारी के अंतर्गत एक पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्सव भवनों की डिजाइन एवं गाजियाबाद के चौराहों/ जंक्शनों की सुंदरता बढ़ाने हेतु प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इस समझौते के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
सीओए तकनीकी मार्गदर्शन देगा और पेशेवर वास्तुकारों, वास्तुकला छात्रों तथा शैक्षणिक संस्थानों को इस कार्यक्रम से जोड़ने में सहायता करेगा।
जीडीए इन प्रतियोगिताओं के आयोजन, पुरस्कार राशि, तथा निर्णायक मंडल (ज्यूरी) के मानदेय से संबंधित सभी व्ययों का वहन करेगा।

दोनों संस्थाएं मिलकर प्रतियोगिता की दिशा-निर्देश एवं निर्णायक मंडल का गठन करेंगी।
कार्यक्रम की समयसीमा निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार प्रतियोगिता 7 जुलाई को आरंभ होगी और अंतिम मूल्यांकन 18 अगस्त तक पूर्ण होगा। यह समझौता ज्ञापन प्रारंभ में एक वर्ष के लिए मान्य होगा और आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकता है। यह समझौता दोनों पक्षों की शहरी विकास में रचनात्मक सहयोग की मंशा को दशार्ता है, और गाजियाबाद को एक समावेशी, टिकाऊ एवं सुंदर शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में एक अहम कदम है।


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