अथाह संवाददाता, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका रॉकेट (Pinaka), लांचर तथा संबंधित उपकरणों के निर्माण से संबंधित एक अहम प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ ने पिनाका रॉकेट प्रणाली के बड़े पैमाने पर उत्पादन से संबंधित सभी जानकारी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) को सौंप दी। डीजीक्यूए सभी रक्षा उपकरणों के लिए गुणवत्ता विनिर्देश और मानक सुनिश्चित करने का उत्तरदायी है।
सूत्रों के अनुसार, श्रृंखला में कुल 6 रॉकेट लॉन्च किए गए थे और सभी परीक्षण पूर्ण मिशन उद्देश्यों को पूरा करते थे
सभी उड़ान लेखों को टेलीमेट्री, रडार, और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा ट्रैक किया गया था जिसने उड़ान प्रदर्शन की पुष्टि की।
पिनाका रॉकेट (Pinaka) का उन्नत संस्करण मौजूदा पिनाका एमके- I रॉकेटों की जगह लेगा जो अभी उत्पादन में हैं।
क्या है इसमें खासियत
पिनाक (Pinaka) सिस्टम की एक बैटरी में छह लॉन्च वेहिकल होते हैं, साथ ही लोडर सिस्टम, रडार और लिंक विद नेटवर्क सिस्टम और एक कमांड पोस्ट होती है। पिनाका के सफल परीक्षण के साथ, भारत ने अब तक दो महीनों से भी कम समय में 11 मिसाइलों का परीक्षण कर लिया है।
इन मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच करीब पांच महीनों से भी ज्यादा समय से तनातनी जारी है।