Dainik Athah

26 जून से आरंभ हो रहे हैं गुप्त नवरात्र

इस वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 26 जुलाई से गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं।

वर्ष में दो नवरात्र प्रत्यक्ष रूप से मनाए जाते हैं और दो गुप्त नवरात्रि होते हैं- वासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्रि। इन नवरात्रों में सभी भक्तगण अपने घर में महादेवी का आह्वान करते हैं ।शैलपुत्री आदि नौ दुर्गाओं का पूजन करते हैं। लेकिन गुप्त नवरात्रि में दुर्गा मां के साधक, तांत्रिक लोगविशेष सिद्धि प्राप्त करने के लिए 10 महाविद्याओं की साधना करते हैं। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से और माघ शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होते हैं।इस वर्ष आषाढ़ के गुप्त नवरात्रि  26 जून दिन बृहस्पतिवार से आरंभ हो रहे हैं। बृहस्पतिवार में जब दुर्गा माता आती है, तो पालकी अथवा डोली पर सवार होकर आती है।शास्त्रों में पालकी पर मां भगवती के आगमन का संकेत अच्छा नहीं मिलता है।कहा जाता है कि माता दुर्गा नवरात्रि के दौरान जब भी डोली या पालकी पर सवार होकर आती हैं तो इसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता। माता का डोली पर सवार होकर आना देश-दुनिया में कई मुश्किल स्थितियों को पैदा कर सकता है। इसकी वजह से देश-दुनिया में आंदोलन हो सकता है। लोगों की सेहत में भी गिरावट देखने को मिलती है, और किसी तरह की महामारी फैलने का भी खतरा रहता है। माता जब डोली पर सवार आकर आती हैं तो, अराजकता की स्थिति बन सकती है और किसी वजह से हिंसा भी हो सकती है। युद्ध की विभीषिका ,जनधन हानि और प्राकृतिक संकटों का प्रकोप होता है।नवरात्रों में 10 महाविद्याओं का पूजन किया जाता है।10 महाविद्याओं की दस देवियों के नाम इस प्रकार हैं जो हिन्दू धर्म में पूजी जाती हैं।  काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला।गुप्त नवरात्रि में साधक अपने परंपराओं के अनुसार इन देवियों का आवाहन, पूजन और सिद्ध करते हैं।गुप्त नवरात्र में दुर्गा सप्तमी व्रत 2 जुलाई , दुर्गा अष्टमी व्रत 3 जुलाई और महानवमी 4 जुलाई को मनाई जाएगी।

पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट

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