‘मंथन’ एक अलग कॉलम है, ‘राग दरबारी’ एक अलक टेस्ट का कॉलम है। दोनों ही कॉलम के टेस्ट अलग अलग है। लेकिन आज इच्छा हुई एक नये कॉलम को शुरू करने की। इसका कॉलम का नाम होगा पोस्टमार्टम। आप पूछेंगे कि इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी। आप को बता दें कि हम पाठकों को खबरें परोसते हैं। लेकिन इन दिनों एक प्रचलन शुरू हो गया है कि जो भी प्रेस नोट आते हैं उन्हें ज्यों का त्यों छापने का। आज से कुछ वर्ष पहले तक ऐसा नहीं था। उस समय प्रेस नोट उसी हालत में नहीं छपता था। प्रेस नोट मिलने के बाद भी रिपोर्टर उसके ऊपर मेहनत करता था और कुछ न कुछ नया पेश करता था। वह प्रचलन आज समाप्त हो गया है। यहीं कारण है कि पोस्टमार्टम के नाम से नया कॉलम शुरू करने का निर्णय लिया गया। मैं समझता हूं कि दैनिक अथाह के पाठकों को ‘मंथन’ और ‘राग दरबारी’ की तरह ही ‘पोस्टमार्टम’ कॉलम भी पसंद आयेगा। हालांकि आज पहला पोस्टमार्टम है जिस कारण कुछ कमियां भी रह सकती है, इसके लिए आप लोगों की सलाह भी दैकि अथाह को चाहिये।