Dainik Athah

… तो क्या घायल सौरभ को आटो से अस्पताल लेकर गई पुलिस!

  • गाजियाबाद- गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट में तालमेल के अभाव के चलते गई सौरभ की जान
  • तीन मंजिला आलीशान घर में रहता है हत्या का मुख्य आरोपी कादिर
  • तीन मंजिला मकान में चोरी की बिजली से चलाये जा रहे थे हीटर एवं अन्य उपकरण

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में नोएडा पुलिस के कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या के मामले में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट में तालमेल का बड़ा अभाव नजर आया है। दोनों पड़ौसी जिलों में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू है, बावजूद इसके तालमेल का अभाव होना बड़ी चूक है। इसके साथ ही मुखबिर की सूचना एवं पुलिस को सचेत करने के बावजूद नोएडा पुलिस बगैर वर्दी एवं निजी गाड़ियों से नाहली पहुंची थी। सीसीटीवी फुटेज यह बताती है कि पुलिस घायल सौरभ को आटो से लेकर अस्पताल गई जो पुलिस के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
बता दें कि शातिर अपराधी कादिर को पकड़ने के लिए गौतमबुद्धनगर जिले के थाना फेस तीन की पुलिस उप निरीक्षक सचिन राठी के नेतृत्व में सात पुलिसकर्मी मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव रात 11 बजे पहुंचे। एफआईआर के अनुसार मुखबिर ने नोएडा पुलिस को पहले ही आगाह कर दिया था कि गांव में अपराधी किस्म के काफी लोग रहते हैं तथा कादिर पुलिस को देखकर भाग जायेगा। इसी कारण पुलिस बल मोटरसाइकिलों से कादिर को पकड़ने पहुंचा। मुखबिर ने दूर से पुलिस को बता दिया कि आसमानी रंग की टी शर्ट और सलेटी रंग के लोअर में कादिर बैठा है। पुलिस ने वहां जाकर अपने परिचय पत्र दिखाये और कादिर को लेकर चलने का प्रयास किया।

ये पुलिस वाले हैं इन्हें मारकर दफना दो
पुलिस की बात सुनते ही कादिर ने लोगों को उकसाया कि ये पुलिस वाले हैं और मुझे पकड़ कर ले जायेंगे, इन्हें मार कर दफना दो। इसके बाद कादिर के भाइयों और अन्य लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव करने के साथ ही गोलियां चलानी शुरू कर दी जिससे कांस्टेबल सौरभ को गोली लगी व एक अन्य कांस्टेबल घायल हो गया।

… आटो से सौरभ को अस्पताल लेकर गई पुलिस
एफआईआर के अनुसार नोएडा पुलिस मोटरसाइकिलों से आई थी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि पुलिस सौरभ को अपनी गाड़ी से अस्पताल लेकर गई। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इसी एफआईआर में पुलिस ने कहा कि वे मोटरसाइकिलों से आये थे, जबकि सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट है कि सौरभ को पुलिस आटो से लेकर अस्पताल गई थी। अब बड़ा सवाल यह है कि सौरभ के सिर में गोली लगने, पथराव एवं फायरिंग के बावजूद गाजियाबाद पुलिस कहां थी और आटो से क्यों ले जाना पड़ा घायल पुलिसकर्मी को।

जब नोएडा पुलिस ने हमले के बावजूद कादिर को गाजियाबाद पुलिस को सौंपा तो …
एफआईआर में यह भी कहा गया कि एक टीम सौरभ को अस्पताल लेकर गई और दूसरी टीम ने कादिर को पकड़ कर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि गाजियाबाद पुलिस ने कादिर की गिरफ्तारी दिखाने में देरी क्यों की। सूत्रों की मानें तो गाजियाबाद पुलिस भी हमले की सूचना मिलने के काफी देर बाद मौके पर पहुंची थी।

चोरी की बिजली से हीटर समेत अन्य उपकरण थे चालू
कादिर का नाहल में तीन मंजिला आलीशान मकान है। इस मकान में एक अवैध कनेक्शन भी चलता पाया गया जिससे हीटर समेत बिजली के अन्य उपकरण चलाये जा रहे थे। ऐसे में सवाल यह भी है कि बिजली विभाग के अधिकारियों में बिजली चोरी का यह मामला आखिर क्यों नहीं आया।

इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि नोएडा पुलिस ने अपने आमद की जानकारी आखिर मसूरी पुलिस को समय रहते क्यों नहीं दी। दोनों जिलों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बावजूद आखिर ऐसा क्यों हुआ। इसके साथ ही यह भी बड़ा सवाल कि कांस्टेबल के हत्यारे कादिर के पैर तक में पुलिस ने गोली नहीं मारी। यह रियायत आखिर क्यों। अभी इस मामले में कुछ और पहलुओं पर आगे चर्चा करेंगे।


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