गाजियाबाद/मेरठ। सौर ऊर्जा उत्पादन से ‘क्लीन और ग्रीन एनर्जी’ के उपयोग को बढ़ावा देते हुए एनसीआरटीसी ने मेरठ साउथ नमो भारत स्टेशन पर सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित किया है। यह एनसीआरटीसी के स्टेशनों, डिपो और सब-स्टेशनों को सौर ऊर्जा उत्पादन के केंद्रों में बदलने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। वर्तमान में नमो भारत कॉरिडोर के साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई नमो भारत स्टेशन एवं दुहाई डिपो स्टेशन और डिपो बिल्डिंग के अलावा गाजियाबाद और मुरादनगर आरएसएस पर सोलर पावर प्लांट पहले से स्थापित हैं। अब इस कड़ी में मेरठ साउथ नमो भारत स्टेशन स्टेशन भी जुड़ गया है।

मेरठ साउथ स्टेशन की छत पर 1304 सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक पैनल की कैपेसिटी 550 वाटपीक है। यह ऊर्जा संयंत्र अनुमानित तौर पर प्रति वर्ष लगभग 8,15,000 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। मेरठ साउथ स्टेशन के सोलर प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 750 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।
एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर सौर ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को अपनाते हुए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। इस प्रक्रिया में स्टेशनों, डिपो और रिसीविंग सब-स्टेशनों की छतों पर सौर पैनल स्थापित किए गए हैं। दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किमी लंबे सम्पूर्ण नमो भारत कॉरिडोर पर इससे 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिससे सालाना 11,500 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है। गाजियाबाद स्टेशन का रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र सबसे अधिक क्षमता का प्लांट है, जिसमें लगभग 1 मेगावाट (965 किलोवाट (kWp)) की सोलर ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता है। नमो भारत के अन्य स्टेशनों पर भी सोलर प्लांट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है
एनसीआरटीसी द्वारा स्वच्छ और हरित वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में सतत विकास को प्राथमिकता देने का लक्ष्य, सार्वजनिक परिवहन के अधिक से अधिक उपयोग को प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही एनसीआरटीसी कुशल ऊर्जा खपत के लिए भी प्रतिबद्ध है। नमो भारत ट्रेनें अत्याधुनिक रीजेनेरटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं जो ब्रेकिंग के दौरान ट्रेन की गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं।