- 80 हजार बालिका और 12 हजार से अधिक स्टाफ जूम पर एक साथ जुड़े, एक साथ किया संवाद व सीखा सशक्त बनने का मंत्र
- भौतिक व वित्तीय प्रावधानों से परिचित हुईं बेटियाँ, साइबर सुरक्षा, गुड टच-बैड टच, पाक्सो एक्ट और हेल्पलाइन नंबरों के व्यावहारिक ज्ञान से हुईं सजग
- ‘सही-गलत में फर्क करना सीखिए, कभी हिचकिचाइए मत’: महा निदेशक स्कूल शिक्षा
- ‘बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा हमारी प्राथमिकता है”: संदीप सिंह

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बेटियाँ अब सिर्फ पढ़ाई नहीं कर रहीं, वे सवाल भी कर रही हैं और समाधान भी खोज रही हैं। बुधवार को इसका सशक्त उदाहरण तब देखने को मिला जब प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की 80 हजार से अधिक छात्राएँ और 12 हजार से अधिक स्टाफ एक साथ जूम पर जुड़े और ‘मिशन समाधान सीरीज-01’ का हिस्सा बने।
यह आयोजन संवाद और जागरूकता का तो था ही, साथ ही यह बेटियों के चुप न रहने, उन्हें उनके हक, अधिकार और सुरक्षा के प्रति सजग करने का माध्यम भी बना। ह्यमिशन समाधानह्ण, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेटी-सशक्तिकरण मॉडल का मजबूत हिस्सा बनने की ओर अग्रसर हो चुका है। यह पहल, मिशन शक्ति, महिला हेल्पलाइन 1090, महिला पीएसी, पॉक्सो जागरूकता अभियान और साइबर सेफ्टी जागरूकता जैसी योजनाओं को जमीनी मजबूती देने वाली है। स्कूल स्तर पर बालिकाओं को आत्मनिर्भर नागरिक के रूप में तैयार करने का मंच भी है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने किया संवाद
कंचन वर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा, “हर समस्या का समाधान है। पढ़ाई हमें सशक्त बनाती है। आप सही-गलत में फर्क करना सीखें और कभी हिचकिचाएं नहीं। हुनर सीखें, यही आपका आत्मबल है।” उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक, अभिभावकों से संवाद में बेटियों के भविष्य पर विशेष चर्चा करें।
विशेषज्ञों ने दिए आत्मरक्षा और आत्मविश्वास के मंत्र
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने बालिकाओं को व्यावहारिक और जीवनोपयोगी ज्ञान से परिचित कराया। डॉ. मुकेश कुमार सिंह, वरिष्ठ विशेषज्ञ, बालिका शिक्षा, समग्र शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने केजीबीवी में भौतिक एवं वित्तीय प्रावधान पर मार्गदर्शन दिया तो ‘सुरक्षित रहें, खुश रहें’ के दूसरे सत्र में साइबर सुरक्षा, गुड टच-बैड टच, हेल्पलाइन आदि विषयों पर चर्चा हुई। अर्चना अग्निहोत्री, फाउंडर डायरेक्टर, समाधान अभियान ने तीसरे सत्र में बालिकाओं से सीधा संवाद किया और बताया कि “सवाल पूछने की हिम्मत ही समाधान की पहली सीढ़ी होती है।” अन्तिम सत्र में सुश्री सरिता सिंह द्वारा बालिकाओं के लिए विद्यालय में संचालित होने वाले सुरक्षा-सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
‘मिशन समाधान’ बना संवाद, सुरक्षा और सशक्तिकरण का प्लेटफॉर्म
12,000 से अधिक शिक्षकीय व सहायक स्टाफ की उपस्थिति, सभी जिला समन्वयकों की सक्रिय भूमिका और बालिकाओं की उत्साही सहभागिता ने इस सीरीज को एक जनांदोलन का रूप दे दिया। यह महज एक वर्चुअल सत्र नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मबल की एक नई शुरूआत थी, जिसमें उन्होंने पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘हम तैयार हैं!’
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा हमारी प्राथमिकता है। ह्यमिशन समाधानह्ण जैसी पहलों से हम उन्हें न केवल ज्ञान देंगे, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना भी मजबूत करेंगे। योगी सरकार का संकल्प है कि हर बेटी को सशक्त बनाया जाए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव समर्थन दिया जाए।