- धूमधाम से मनाया गया जीवन आशा हॉस्पिटल का स्थापना दिवस
- मानव समाज के लिए वरदान है जीवन आशा हॉस्पिटल: जैनाचार्य सौरभ सागर


अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जीवन आशा अस्पताल एवं पुनर्वास केंद्र का स्थापना दिवस आचार्य सौरभ सागर महाराज के सान्निध्य में मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री, आर आर एस के वरिष्ठ नेता राकेश जैन,भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष मयंक गोयल आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह मूल नायक मंशापूर्ण महावीर स्वामी का अभिषेक एवं विश्व शांति हेतु महाशांति धारा के साथ हुआ। इसके उपरांत चित्रअनावरण,दीप प्रज्वलन,मंगलाचरण,डॉक्टरों एवं सम्मानित अतिथियों का परिचय एवं सम्मान हुआ।

केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में लगभग साढ़े 18, हजार दिव्यांगों के कैंप लगाए गए जिसमें लगभग साढ़े 31 लाख लोगों को कृत्रिम अंग लगाए गए। जीवन आशा हॉस्पिटल भी हमारे कार्य में सहयोग कर रहा है क्योंकि दिव्यांगों और विकलांगों का मेरा ही विभाग है और जैसा कि मुझे ज्ञात हुआ कि जीवन आशा हॉस्पिटल में पिछले छह सालों में लगभग 5 हजार से अधिक लोगों के कृत्रिम अंग लगाए गए जोकि बहुत अच्छा कार्य है और उनके यह कार्य हमारे विभाग को ही सहयोग कर रहा हैं। क्योंकि दिव्यांग विभाग भी हमारे विभाग के अंतर्गत ही आता है इसलिए में जीवन आशा के सभी ट्रस्टी सदस्य और सहयोगियों को दिल की गहराइयों से धन्यवाद अदा करता हूँ और आचार्य सौरभ सागरजी महाराज के चरणों में नमन करता हूँ कि उनके आशीर्वाद से इस अस्पताल में कैंसर मरीजों के लिए भी आज से इलाज प्रारंभ हो रहा है।जैन समाज हमेशा से ही सेवा का भाव रखता है जिसके लिए मैं पूरे जैन समाज को धन्यवाद करता हूँ। आचार्य सौरभ सागरजी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन मैं कहा कि शरीर रोगों का घर है रिश्ते उलझनों का घर है और व्योम धर्मा है। एक परिवार में 10 रिश्ते बनते हैं रिश्ते निभाने में ही जिÞंदगी निकल जाती है। जब रिश्ते रिसने लगते हैं तो बीमारियां घर कर लेती हैं शरीर में 5,68,00,5,84 रोग है। शास्त्रों में लिखा है आपकी आँख में एक मसूर के दाने के बराबर जगह में 96 रोग होते हैं। जिस प्रकार रिश्ते संभालने में मीडिएटर होता है उसी प्रकार रोगों को ठीक करने के लिए डॉक्टर होता है।

इस हॉस्पिटल में अब तक हजारों लोगों को कृत्रिम अंग लगाए जा चुके हैं। देने वाला देवता होता है यहाँ पर जो विकलांग आते हैं उन्हें अंग लगाकर दिव्यांग बना दिया जाता है विकलांग सिर्फ़ शारीरिक त्रुटि है जो कि ठीक हो जाती है।यहाँ पर लगभग 20 राज्यों के मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं उन्होंने आगे कहा कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि लक खराब होता है तो होता है कैंसर के इलाज की पूर्ण गारंटी कोई भी डॉक्टर नहीं देता है हाँ इसे कुछ समय तक रोका जा सकता है।शरीर के अंदर जब जंग लग जाती है वही रोग का कारण होता है।

संत लोग बताते हैं कि मनुष्य को त्याग की भावना रखनी चाहिए जितना मनुष्य त्याग रखेगा उतने ही वह रोगों से बचा रहेगा और जीवन में सुखी रहेगा।अगर आप चित्र से भी चरित नहीं बना पाते हैं तो आपको चित्रगुप्त उठा ले जाएंगे इसका मतलब यह कि जान बूझकर भी आप अगर बुरी आदतों को नहीं छोड़ते हैं तो आपके शरीर में बीमारियां घर कर लेंगी जो कि जल्द मृत्यु का कारण बनती हैं।सरकार को राजस्व चाहिए लेकिन पाबंदी नहीं क्योंकि व्यसन जैसे शराब भांग गांजा अफीम चरस आदि से सरकार को भारी राजस्व की प्राप्ति होती है इसलिए सरकार इस पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाती है।
उन्होंने आगे कहा डॉक्टर ही ऐसा व्यक्ति है जो की बीमारी की कमाई खाता है जबकि भगवान ने उन्हें मनुष्य के रूप में उपचार करने की शक्ति प्रदान किया।इसलिए ऊपर भगवान नीचे डॉक्टर को भगवान माना जाता है अगर डॉक्टर इसे व्यापार के साथ साथ लोगों की सहायता के रूप में कार्य करने लगे तो उनका जीवन सफल हो जाये।अगर वो अपने,अपने बच्चों,माँ बाप के जन्मदिन आदि पर लोगों का उस दिन फ्रÞी इलाज करते हैं तो उन्हें बहुत ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है संसार में अगर आप हो तो आपको दवा और दुआ दोनों चाहिए। धर्म,शास्त्र,अर्थ काम,मोक्ष जीवन का सार है।डॉक्टर मरीज को अहिंसा यानी शाकाहारी बना सकता है क्योंकि अगर डॉक्टर कहेगा कि आप शाकाहार का सेवन करें तो ही आप ठीक हो सकते हैं तो मरीज उनकी बात मानेगा क्योंकि उन्हें ठीक होना है और अगर आप 1 जीव की रक्षा करने में सफल हो जाते हैं तो आपको 5 हजार जीवों की रक्षा करने का फल मिलता है।

इस अवसर पर जीवन आशा हॉस्पिटल के चेयरमैन अशोक जैन,अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन,मैनेजिंग डायरेक्टरसंजय जैन ,जैन समाज के प्रवक्ता अजय जैन,संजीव जैन,राकेश जैन,अशोक गोयल,अजय जैन पंडित संदीप जैन,पंकज जैन,रिंकू जैन मेरठ,राहुल जैन,डॉक्टर ए के अग्रवाल,डॉक्टर विशाल बंसल, पीयूष गर्ग,डॉक्टर त्यागी ,डॉक्टर मनोज पाल,डॉक्टर कालरा, नीतू जैन,स्वाति जैन,सीमा जैन,रेखा जैन आदि का विशेष सहयोग रहा।

संजय जैन और अजय जैन ने बताया कि सौरभ सागर सेवा संस्थान द्वारा संचालित जीवन आशा अस्पताल ने पिछले छह वर्षों में जनसेवा के क्षेत्र में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए उपचार सेवाओं का शुभारंभ किया गया जो संस्थान की ओर से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया और सराहनीय कदम है। जीवन आशा अस्पताल की पहचान एक चैरिटेबल हॉस्पिटल के रूप में है, जो विशेष रूप से दिव्यांगजनों के इलाज और कृत्रिम अंगों के निर्माण व नि:शुल्क वितरण के लिए समर्पित है। पिछले 6 वर्षों में अभी तक कई हजार दिव्यांगों को कृत्रिम अंग निशुल्क वितरित किए जा चुके हैं। जिसका दिव्यांगों ने लाभ उठाकर विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन किया है।
अस्पताल में विभिन्न रोगों जैसे हड्डी रोग, नेत्र, दंत, श्वसन, बाल एवं स्त्री रोग, हृदय रोग आदि की ओपीडी सेवाएं रियायती शुल्क पर नियमित रूप से उपलब्ध हैं।संस्थान ने इस वर्ष से 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सेवा शुरू करने की योजना भी घोषित की है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में रोगियों को तुरंत इलाज मुहैया कराया जा सके।