गाजियाबाद। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मंगलवार को जिला एमएमजी अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिलने पर सीएमओ के साथ सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई है। क्रिटिकल केयर यूनिट का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश जल निगम सी एंड डिजाइन यूनिट को तलब किया है।
मरीजों की भीड़ देखकर बोले- टोकन व्यवस्था लागू करें
साथ ही जिन लोगों की लापरवाही से सामान गोदाम में भरा हुआ है और यह स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों तक नहीं पहुंचा है। उन सभी का स्पष्टीकरण मांगा है हालांकि उन्होंने जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी और पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण नहीं किया, लेकिन दूर से मरीजों की भीड़ देखकर उन्होंने तत्काल प्रभाव से टोकन व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
सड़क हादसे में घायल को सीएचसी मुरादनगर में नहीं मिला प्राथमिक उपचार
केंद्र और प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित उपचार देने को प्रयासरत है, लेकिन जिले के सरकारी अस्पतालों में गोल्डन आवर में इलाज को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है। रविवार को मुरादनगर में सड़क हादसे में घायल होने पर हरवंशनगर के रहने वाले सुरेन्द्र सिंह के 29 वर्षीय बेटे सुमित को सीएचसी मुरादनगर में रात्रि के 10 बजकर 50 मिनट पर भर्ती कराया गया। तुरंत वहां तैनात चिकित्सकों ने घायल सुमित को बिना प्राथमिक उपचार दिए ही संयुक्त अस्पताल को रेफर कर दिया गया।
संयुक्त अस्पताल में तैनात चिकित्सक ने इसी रेफर स्लिप पर घायल को जिला एमएमजी अस्पताल के लिए रेफर लिखकर इलाज से पल्ला झाड़ लिया। देर रात को जिला एमएमजी अस्पताल में सुमित को भर्ती कर लिया गया, जहां इलाज चल रहा है। यह स्थिति तब है जबकि उच्च अधिकारी आए दिन स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी कर रहे हैं।
समीक्षा के बाद अधीनस्थों को दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। गंभीर रुप से बीमार एवं हादसों में घायलों को समय पर इलाज करने की जगह चिकित्सक रेफर करना सुरक्षित समझते हैं। उधर सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि इस प्रकरण की जांच कराते हुए संबंधित दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।