Dainik Athah

अभी भारत-पाक के बीच में तनाव बरकरार रहेगा कभी भी आरंभ हो सकता है युद्ध

  • ज्येष्ठ मास में हो रहे हैं कई ग्रहों के राशि परिवर्तन
  • विश्व राजनीति में होंगे बहुत उलट फेर

शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र, गाजियाबाद के आचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार ज्येष्ठ मास का आरंभ  13 मई से आरंभ हो चुका है। 11 जून तक ज्येष्ठ मास रहेगा। ज्येष्ठ मास में कई विशिष्ट ग्रह अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इससे भारतीय और विश्व राजनीति में बहुत ही उलट फेर का योग बन रहा है। 14 मई को 13 महीने के पश्चात बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में आएंगे। अभी तक वे वृषभ राशि में चल रहे थे।मिथुन राशि में बृहस्पति होने से राजाओं में विग्रह, युद्ध, छत्र भंग  होते हैं। जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है, *मिथुने च गुरुर्याति,तत्राब्दे दारूणं भयम्।**नृपाणां विग्रहस्तत्र स्वल्पं जायं भविष्यति।।*अर्थात जब मिथुन राशि में बृहस्पति का आगमन होता है तो विश्व में भय का वातावरण होता है। राजाओं में युद्ध विग्रह छत्र भंग (तख्ता पलट)होते हैं।15 मईको 0:13 बजे सूर्य वृषभ राशि में आ रहे हैं। वृष राशि में सूर्य की तपन बढ़ती है। इस माह में प्रचंड गर्मी के संकेत दे रहे हैं।

18 मई को शाम 17:05 बजे राहु और केतु का राशि परिवर्तन हो रहा है। राहु कुंभ राशि में आएंगे और केतु सिंह राशि में आएंगे 18 महीने के पश्चात यह राशि परिवर्तन होगा। कुंभ राशि के स्वामी शनि है उसमें राहु का आगमन राहु शनि का चांडाल योग बन रहा है और सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं उसमें केतु आ रहे हैं यह ग्रहण योग बन रहा है अर्थात अगले डेढ़ वर्ष तक राहु केतु चांडाल और ग्रहण योग में रहेंगे। इस कारण वैश्विक स्थिति में हलचल होगी शेर आदि के कार्य में निरंतर उतार चढ़ाव चलता रहेगा और विश्व की राजनीति में युद्ध , हिंसा अराजकता, प्राकृतिक आपदा भूकंप आदि की योग बनेंगे।23 मई को दोपहर 12:59 बजे वृषभ राशि में बुध आ जाएंगे। वृषभ राशि में बुध का योग अच्छा होता है जो शांति प्रयासों का कारक है। कहीं ना कहीं जनता में संतोष की भावना और अपने देश के सत्ता के प्रति सहानुभूति की भावना देता है।31 मई को शुक्र मंगल की राशि मेष में प्रवेश करेंगे।ज्येष्ठ मास में पांच मंगलवार है जेठ के मंगलवार को बड़ा या बुढवा मंगल कहते हैं। एक मास में पांच प मंगलवार का फलादेश शास्त्रों में इस प्रकार बताया गया है। *यत्र मासे महीसूनोर्जायन्ते पञ्चवासरा:।**रक्तेन पूरिता पृथ्वी, छत्रभंगस्तदा भवेत्।।*जिसे मास में पांच मंगलवार हो उसमें पृथ्वी पर हिंसा, युद्ध विभिन्न प्राकृतिक घटनाएं ,यान,वाहन, खान संबंधी घटनाएं घटती है और रक्तरंजित क्रांति अथवा उपद्रव होते हैं और जन धन की हानि के योग बनते हैं।

पंडित शिवकुमार शर्मा,ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद

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