वंदेमारतम- भारत माता की जय के नारों के बीच
मंत्रियों, सांसदों, विधायकों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू। आॅपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू कश्मीर के उधमपुर में वीरगति को प्राप्त हुए सार्जेंट सुरेंद्र कुमार का रविवार को उनके गांव मेहरादासी (मंडावा) में पूर्ण राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के आठ वर्ष के पुत्र दक्ष ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ से शहीद के परिजनों को ढाढ़स बंधाया और पुष्पचक्र अर्पित करते हुए संवेदना व्यक्त की।
झुंझुनूं के मंडावा से शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा की तिरंगा यात्रा उनके पैृतक गांव मेहरादासी तक गयी। इस दौरान जयपुर से पहुंची सैन्य टुकड़ी के साथ पार्थिव देह को रवाना किया गया है। बड़ी संख्या में लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने जुटे हैं। वंदेमारतम और भारत माता की जय के नारे लगाए जा रहे हैं। शहीद की तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए रविवार सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें गर्व है अपने बेटे की शहादत पर गर्व है।
शहीद सुरेंद्र कुमार को उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा, सैनिक कल्याण एवं युवा और खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नगरीय विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार झाबर सिंह खर्रा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, झुंझुनू सांसद बृजेंद्र ओला, झुंझुनू विधायक राजेंद्र भांबू, नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर, मंडावा विधायक रीटा चैधरी, उदयपुरवाटी विधायक भगवानाराम सैनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक गोविंद डोटासरा, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व विधायक शुभकरण चैधरी, जिला कलक्टर रामावतार मीणा, एसपी शरद चौधरी समेत पूर्व सैनिकगणों, जनप्रतिनिधियों व गणमान्यजनों ने पुष्पचक्र अर्पित किए।
वायुसेना के ग्रुप कैप्टन विनय भारद्वाज के नेतृत्व में वायुसेना व पुलिस की टुकड़ियों ने गार्ड आॅफ आॅनर प्रदान किया। अंत्येष्टि के बाद जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने वीरांगना सीमा को राज्य सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए की सहायता राशि का चैक सौंपते हुए ढाढ़स बंधाया और राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहायता की बात कही।
शहीद जवान सुरेंद्र कुमार 14 वर्षों से भारतीय वायुसेना में सेवारत थे। सुरेंद्र कुमार अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। ग्रामीणों ने बताया कि वे जब भी गांव आते थे युवाओं को सिक्योरिटी फोर्सेज में जॉइन करने के टिप्स देते थे। अपने एक्सपीरियंस भी शेयर करते थे। सुरेन्द्र कुमार अपने पीछे पत्नी सीमा देवी और दो छोटे बच्चों व माता को छोड़ गए। उनका परिवार उनके साथ ही रहता था। उनका बेटा दक्ष 8 साल का और बेटी वृतिका 11 साल की है। उनके पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे उनका निधन हो चुका है।
शहीद सुरेंद्र की बेटी वृतिका (11) का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह कह रही हैं कि मेरे पापा बहुत अच्छे थे। दुश्मनों का खात्मा कर खुद शहीद हो गए। देश की रक्षा की है पापा ने। पापा ने कहा था कि यहां कुछ नहीं हो रहा मैं सेफ हूं। पूरा पाकिस्तान खत्म करना चाहिए। मैं पापा की तरह फौजी बनना चाहती हूं। उनकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दूंगी। बड़ी होकर सेना में भर्ती होकर दुश्मनो को चुनचुन कर मारूंगीं।