Dainik Athah

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश—राजस्व संग्रह में बढ़ाएं पारदर्शिता, तकनीक का हो व्यापक प्रयोग

कर चोरी राष्ट्रीय क्षति है, करापवंचन रोकने के लिए तकनीक को बनाएं साधन: मुख्यमंत्री

एआई और डेटा एनालिटिक्स का बढ़ाएं उपयोग, कर संग्रह व्यवस्था को मिलेगी मजबूती: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री ने की जीएसटी/वैट संग्रह की जोनवार समीक्षा, कहा, राजस्व संग्रह में खंडवार असमानता की समीक्षा कर तय हो जिम्मेदारी: मुख्यमंत्री

वित्त वर्ष 2024-25 में 1.14 लाख करोड़ का राजस्व संग्रह, अब 1.75 लाख करोड़ है लक्ष्य

अप्रैल में गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, अयोध्या जैसे जोन ने किया लक्ष्य के सापेक्ष 60% से अधिक जीएसटी अर्जित

जीएसटी संग्रह में अप्रैल में लखनऊ ने किया सर्वाधिक प्रदर्शन, 71.66% लक्ष्य की पूर्ति

वाराणसी, इटावा, कानपुर द्वितीय, आगरा, गोरखपुर जोन/सर्किल में और बेहतर प्रयास की है जरूरत: मुख्यमंत्री

एडिशनल कमिश्नरों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद, फील्ड की चुनौतियों पर की चर्चा, कहा व्यापारियों से बनाये रखें संवाद

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागी बनें, कर प्रणाली में नवाचारों को अपनाएं और ईमानदार करदाताओं को हरसंभव सुविधा एवं सम्मान प्रदान करें।
शुक्रवार को राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘कर चोरी राष्ट्रीय क्षति है, इसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। विभागीय स्तर पर कर अपवंचन की रोकथाम के लिए कठोरतम और सुनियोजित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य कर विभाग ने 1,14,637.54 करोड़ रुपये का संग्रहण किया। अब चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह अप्रैल में 9,986.15 करोड़ का जीएसटी/वैट संग्रहण हुआ, यह संतोषप्रद है। आने वाले महीनों में लक्ष्य के सापेक्ष इसे और बेहतर किये जाने की आवश्यकता है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जोन जैसे गौतमबुद्ध नगर, अयोध्या, लखनऊ द्वितीय, अलीगढ़, कानपुर प्रथम और झांसी ने अप्रैल माह में 60 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य अर्जित कर सराहनीय कार्य किया है। लखनऊ द्वारा 71.66 प्रतिशत की लक्ष्य प्राप्ति की गई है। वहीं, कुछ जोन, कॉपोर्रेट सर्किल और सेक्टरों में अपेक्षित संग्रह न हो पाने पर उन्होंने सुधार की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने कहा, वाराणसी, इटावा,, गोरखपुर, कानपुर द्वितीय और आगरा जैसे जोन/कॉपोर्रेट सर्किलों को और अधिक परिणामोन्मुखी कार्य करना होगा। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और जालौन के कुछ सेक्टरों में भी सुधार की आवश्यकता है। संबंधित अधिकारियों को ठोस और क्षेत्रीय कार्ययोजना बनाकर निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडिशनल कमिश्नरों से भी संवाद किया और उनके अधीनस्थ अधिकारियों/कार्मिकों की उपलब्धता की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से फील्ड की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए व्यापारियों से सतत संवाद बनाये रखने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देशित किया कि वह तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का अधिकाधिक उपयोग कर न केवल संग्रहण क्षमता बढ़ाई जाए, बल्कि करदाताओं को एक सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद अनुभव भी प्रदान किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी व्यापारियों से संवाद बनाये रखें और समय से सही रिटर्न फाइल करने में यथासम्भव सहायता करें।

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