- सत्तारूढ़ पार्टी की जनसभा में कुर्सियां खाली रहना बना चर्चा का विषय
- कार्यक्रम के आयोजक पर लग रहे आरोप, कैसे एक कार्यकर्ता को मिल गया मंत्रियों का कार्यक्रम
- मोदीनगर विधायक डा. मंजू शिवाच को रखा गया था कार्यक्रम से दूर
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें है। जिले की सभी विधानसभाओं पर भाजपा का कब्जा है, बावजूद इसके मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र में केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्रियों का कार्यक्रम कैसे फ्लाप हो गया, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बता दें कि पिछले दिनों मोदीनगर के सैदपुर गांव में संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण एवं जनसभा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में चेहरा गांव के ही एक कथित भाजपा कार्यकर्ता का था। इस कार्यकर्ता पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि ये किसी को भी मोहरा बना लेता है, और कोई इसको मोहरा बना लेता है। जनाब ने कार्यक्रम में केंद्र और प्रदेश सरकार के ताकतवर मंत्रियों के साथ ही पूर्व सांसद डा. सत्यपाल सिंह को भी आमंत्रित किया, ये सभी पहुंचे भी, लेकिन जिस प्रकार कुर्सियां खाली थी उससे कईयों की भवें तन गई।

इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मोदीनगर की विधायक डा. मंजू शिवाच को ही नहीं बुलाया गया, इसके चलते चर्चाएं दूर तलक चली गई कि आखिर ऐसा हुआ कैसे। जबकि मंच संचालन गाजियाबाद के एक जाट नेता ने किया। नेताजी के सहयोगी जिला पंचायत सदस्य का नाम भी आयोजन में प्रमुखता से था। महत्वपूर्ण यह भी है कि कार्यक्रम का संचालन भी गाजियाबाद से पहुंचे इन जाट नेता ने ही किया। जिससे यह संदेश भी जा रहा है कि कहीं न कहीं इन जाट नेता की नजर मोदीनगर पर है, यहीं कारण है कि विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया। ये नेता पूर्व में दो बार मुरादनगर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार रालोद से और दूसरी बार भाजपा से। लेकिन सफलता नहीं मिली, इसी कारण उनकी नजर मोदीनगर की तरफ लगी है।
विधानसभा चुनाव से पहले मोदीनगर में किया गया था भाजपा की यात्रा का स्वागत
इन जाट नेता ने विधानसभा चुनाव से पहले मोदीनगर में पहुंची भाजपा की यात्रा का स्वागत भी किया था, उस समय भी चर्चाएं तेज रही थी।
सांसद को न बुलाने के निर्णय को बता रहे सही
भाजपा कार्यकर्ता एक बात से खुश है कि इस कार्यक्रम में रालोद सांसद राजकुमार सांगवान को नहीं बुलाया गया, जिस प्रकार भाजपाइयों की फौज सांगवान के पीछे रहती है उसे भाजपा का प्रदेश नेतृत्व भी उचित नहीं मानता, यहीं कारण है इस निर्णय से लोग खुश भी है। बताते हैं यह कार्यक्रम मोदीनगर की राजनीति में आगे चलकर कोई बड़ा गुल खिलायेगा।