- लगता है अब पूरी तरह बदल गई है पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद
- पुलिस कर्मियों को आम लोगों से इज्जत से पेश आने के निर्देश, कुर्सी भी मिलेगी
- गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर की हो रही प्रशंसा

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। लगता है कि ढ़ाई साल बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट पूरी तरह से बदलने लगी है। जहां जन प्रतिनिधियों को भी तव्वजो नहीं दी जाती थी, वहां पर अब आम जनता को थानों में सम्मान देने के आदेश जारी हुए हैं। इतना ही नहीं इधर सुबह के समय दैनिक अथाह ने ‘मंथन’ प्रकाशित किया और उधर भाजपा के महानगर मंत्री धीरज शर्मा की एफआईआर भी दर्ज हो गई।
बता दें कि शनिवार को भाजपा के महानगर मंत्री एवं एचएलएम कालेज के निदेशक धीरज शर्मा को नंद ग्राम थाने जाना भारी पड़ गया था। थाने में उनकी पिटाई करने के साथ ही हवालात में बंद कर दिया गया। इसके बाद जब भाजपा नेताओं ने थाने में हंगामा किया तब रविवार को पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर एक उप निरीक्षक समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में ‘दैनिक अथाह’ के ‘मंथन’ कॉलम में पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल उठाया गया था, यह भी कि यदि पुलिस कमिश्नरेट पुरानी होती तो शायद ऐसी कार्यवाही नहीं होती। इसके साथ ही इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया था।
मंथन प्रकाशित होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए धीरज शर्मा की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये। इसके बाद उप निरीक्षक लेखराज जौहरी एवं 5-6 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर नंद ग्राम थाने में दर्ज हो गई। एफआईआर की प्रति शहर विधायक संजीव शर्मा ने दैनिक अथाह को प्रेषित की है।
अब तू कह कर भी बात नहीं करेंगे पुलिसकर्मी
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड ने इसके साथ ही आदेश जारी किये हैं कि थानों में जानों वालों से पुलिसकर्मी सभ्यता से पेश आयेंगे। थाने में जाने वालों को कुर्सी दी जायेगी और पानी पूछा जायेगा। कोई भी पुलिसकर्मी आगंतुक से तुम या तू कह कर संबोधित नहीं करेंगे। पुलिस कमिश्नर के इस आदेश की सर्वत्र प्रशंशा की जा रही है।