गृह प्रवेश,नींव पूजन, वाहन, आभूषण खरीदने का है उत्तम मुहूर्त
शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के आचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार वैशाख शुक्ल तृतीया दिनांक 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा ।अक्षय का तात्पर्य होता है कभी नष्ट न होने वाला।अर्थात यह ऐसा शुभ मुहूर्त माना गया है कि इसमें किया हुआ शुभ कार्य कभी नष्ट नहीं होता है, उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है।शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान लक्ष्मी और विष्णु की पूजा की जाती है। धन-धान्य ,लक्ष्मी और यश की कामना करने के लिए यह पर्व बहुत उत्तम होता है। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख सकते हैं अथवा उनकी पूजा करें ।
श्री सूक्तम, लक्ष्मी सूक्तम, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें या ओम् नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें। कहा जाता है कि त्रेता युग का आरंभ हुई इसी तिथि को हुआ था।अक्षय तृतीया को अनबूझ विवाह का शुभ मुहूर्त माना जाता है।वैसे इस दिन रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्रों का पुण्य योग है जो विवाह एवं अन्य भौतिक सामग्री खरीदने ,बेचने का उत्तम योग होता है।इस दिन बिना किसी विद्वान से परामर्श किये विवाह किया जा सकता है।मकान ,प्लॉट की रजिस्ट्री, नींव पूजन, गृह प्रवेश व अन्य सामाजिक उत्सव मनाने के लिए यह तिथि बहुत ही शुभ है।इस दिन सोना, चांदी ,वस्त्र एवं भौतिक संसाधन की वस्तुएं खरीदना भी बहुत उत्तम रहता है। अक्षय तृतीया को वाहन खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है।
प्रातः काल सूर्योदय से 11:30 बजे तक और उसके पश्चात 1:30 बजे से शाम 9:00 बजे तक उपरोक्त कार्य करने का शुभ समय है।अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न मंत्रों का जाप करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है ।घर में सफेद वस्तुओं का प्रसाद, खीर बनाकर के मां लक्ष्मी को भोग लगाएं तथा विष्णु भगवान के साथ में पूजा करें। ऐसा करने से बहुत ही पुण्य मिलता है और आर्थिक लाभ होता है।पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कन्सलटैंट गाजियाबाद