Dainik Athah

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए योगी सरकार का विशेष अभियान

  • प्रदेश में मियावाकी पद्धति से किया जा चुका है 310 एकड़ क्षेत्र में वृक्षारोपण
  • सड़क निर्माण में किया जा रहा है सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का उपयोग
  • उपवन और हरित नीति के सफल संचालन से उड2 अवशोषण को 30 गुना बढ़ाने का लक्ष्य
  • पीएम सूर्य घर योजना के तहत 2027 तक 8 लाख रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य
  • अर्बन हीट आइलैंड प्रभाव में कमी लाने के लिए किया जा रहा है एक्यूआई में सुधार
  • नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में आगरा, फिरोजाबाद, झांसी और रायबरेली ने किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। जो वायु की गुणवत्ता, जल संरक्षण, और शहरी हरियाली में सुधार पर केंद्रित हैं। प्रदेश के नगर विकास विभाग के संबंधित अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में विभाग एक ओर तो मियावकी पद्धति से अब तक 310 एकड़ क्षेत्र में वृक्षारोपण करवा चुका है। साथ ही उपवन और हरित नीतियों के सफल संचालन के माध्यम से उड2 अवशोषण को 30 गुना तक बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। दूसरी ओर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए प्लास्टिक मिश्रित सड़क निर्माण का अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही अर्बन हीट आइलैंड़ की प्रक्रिया को नियंत्रित रखने के लिये वाय प्रदूषण और तापमान वृद्धि में प्रभावी नियंत्रण के उपाय किये जा रहे हैं।

मियावाकी पद्धति से प्रदेश में 310 एकड़ में किया जा चुका है वृक्षारोपण
सीएम योगी के सफल नेतृत्व में प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के उपशमन के लिए सर्वाधिक जोर वृक्षारोपण पर दिया जा रहा है। इसके तहत एक ओर शहरी क्षेत्रों में जापान में विकसित की गई मियावाकी पद्धति से 310 एकड़ क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया है। दूसरी ओर उपवन नीति के तहत 32 एकड़ के क्षेत्र में वनीकरण किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य सीओ2 उत्सर्जन को लगभग 30 गुना तक कम करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, मैकेनिकल सफाई, कचरे का जैव-उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में हरित नीतियों का प्रयोग कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के उपशमन के सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

सड़क निर्माण में किया जा रहा है प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रयोग
शहरी अपशिष्ट के सबसे महत्पूर्ण प्रदूषणकारी घटक प्लास्टिक के प्रदूषण को दूर करने के लिये सड़क निर्माण में प्लास्टिक के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस क्रम में प्रदेश में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का प्रयोग कर लगभग 1500 किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। जो लगभग 2000 टन प्लास्टिक कचरे के निपटान में मदद करेगा। प्लास्टिक मिश्रित सड़कों का निर्माण सड़कों की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है साथ ही प्लास्टिक प्रदूषण को भी कम करता है।

अर्बन हीट आइलैंड की समस्या दूर करने के लिए किये जा रहे संभव प्रयास
अर्बन हीट आइलैंड की समस्या को दूर करने के लिए सोलर पैनलों का प्रयोग और वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है। इसके तहत यूपी में अब तक पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से एक लाख से अधिक सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाये जा चुके हैं। वर्तमान में हर माह करीब 11 हजार और प्रतिदिन 500 से अधिक इंस्टॉलेशन किए जा रहे हैं। जिसका लक्ष्य वर्ष 2027 तक आठ लाख सोलर रूफ टॉप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए किये गये उपायों का परिणाम है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में यूपी के आगरा, फिरोजाबाद, झांसी और रायबरेली ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
पहल – विवरण
मियावाकी वनीकरण – 310 एकड़ पर वृक्षारोपण
प्लास्टिक सड़क निर्माण – 1500 किमी सड़क का निर्माण
पीएम सूर्य घर योजना – 1 लाख से अधिक सोलर रूफ टॉप
एनसीएपी में प्रदर्शन – आगरा, फिरोजाबाद, झांसी, रायबरेली शीर्ष पर


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