
- वित्तीय अनियमितता को लेकर जिलाधिकारी का सख्त रवैया
- प्रधान नवनीत शर्मा पर ग्रामीणों ने लगाया था विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप, जांच में हुई पुष्टि

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने वित्तीय अनियमितताआें पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुरादनगर ब्लाक के गांव जलालपुर ढ़िंढार गांव के प्रधान के सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी है।

जानकारी के अनुसार जलालपुर ढिंढार गांव के प्रधान के खिलाफ ग्रामीणों ने 42 लाख रुपये के भ्रष्टाचार की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने तीन बार प्रधान के कामों एवं विकास कार्यों की जांच करवाई। सभी जांच में प्रधान नवनीत कुमार दोषी पाये गये। प्रधान पर सामुदायिक शौचालय के निर्माण, एएनएम सेंटर के नवीनीकरण के साथ ही नाले के निर्माण एवं सफाई कार्य में घोटाले के आरोप थे। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने तीनों जांच में दोषी पाये जाने पर प्रधान नवनीत कुमार के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि अवशेष जांच के लिए कमेटी का गठन कर जांच रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाये। इसके साथ ही उन्होंने खंड विकास अधिकारी मुरादनगर को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत जलालपुर ढिंढार में तीन सदस्यों का चुनाव कर इसका प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। ये तीनों सदस्य ही अब ग्राम का विकास करने में सहयोग करेंगे।

बता दें कि नवनीत कुमार के खिलाफ पहले भी कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई है। अब वित्तीय अनियमितताओं का केस जिसमें अब पुलिस भी चार्जशीट लगाएगी। जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से विकास कार्यों में अनियमितता करने वाले प्रधानों में हड़कंप है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कुछ और प्रधानों पर भी गाज गिरेगी।