Dainik Athah

औद्योगिक विकास में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग: वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक 3318 नई फैक्ट्रियां हुई पंजीकृत

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों ने खोले संभावनाओं के द्वार
  • इन्वेस्ट यूपी 2.0 के तहत यूपी ने उद्योग क्षेत्र में हासिल किए सफलता के नये मकाम
  • वर्ष 2020-21 की तुलना में लगभग दोगुना फैक्ट्रियों का हुआ है पंजीकरण
  • औद्योगिक निवेश का ड्रीम डेस्टीनेशन बन कर उभर रहा यूपी

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
 उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास की दिशा में नए इतिहास रच रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन्वेस्ट यूपी 2.0 के तहत राज्य ने जिस तरह से उद्योग जगत को नीति, सुरक्षा और सुविधाओं का मजबूत आधार प्रदान किया है, उसका परिणाम अब ठोस रूप में सामने आ रहा है। भारत सरकार द्वारा संचालित वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (एएसआई) के ताज़ा आंकड़े इस परिवर्तन की सशक्त तस्वीर पेश कर रहे हैं। साथ ही इस वर्ष प्रदेश में सबसे अधिक फैक्ट्रियों का पंजीकरण हुआ है,जो कि वर्ष 2020-21 के मुकाबले लगभग दोगुना है।
 *सर्वाधिक फैक्ट्रियों का हुआ है पंजीकरण* वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश में कुल 3318 नई फैक्ट्रियों का पंजीकरण हुआ है। जो कि अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि में से एक है। खास बात यह है कि इन पंजीकृत इकाइयों में से 460 फैक्ट्रियाँ ऐसी हैं, जहाँ सौ से अधिक कर्मचारी कार्यरत होंगे। यह स्पष्ट संकेत है कि यूपी अब न केवल छोटे और मझोले उद्योगों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि बड़े औद्योगिक निवेश के लिए भी अब एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। वर्तमान की यह उपलब्धि वर्ष 2020-21 के मुकाबले लगभग दुगुनी वृद्धि को दर्शाती है। 2020-21 में 1484 नई फैक्ट्रियों का पंजीकरण हुआ था।जिसमें बाद के वर्षों में लगातार वृद्धि हो रही है। जो कि प्रमाणित करता  है कि राज्य में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में बड़ा सुधार हुआ है। 
 *एएसआई फ्रेम में यूपी अब तक के उच्चतम स्तर पर* उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक पंजीकरण के मामले में निरंतर प्रगति करते हुए भारत सरकार के एएसआई फ्रेम में भी उल्लेखनीय बढ़त पाई है। वर्ष 2022-23 में एएसआई फ्रेम में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़कर 7.6 प्रतिशत तक पहुँच गई, जो कि प्रदेश की अब तक की सबसे ऊँची स्थिति है।औद्योगिक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के स्तर पर भी उत्तर प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाई है। वर्ष 2022-23 में राज्य का जीवीए बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो देश के कुल औद्योगिक जीवीए में 6.1 प्रतिशत की भागीदारी सुनिश्चित करता है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ पंजीकरण के आँकड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्पादन, मूल्य संवर्धन और रोजगार निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
 *औद्योगिक निवेश का ड्रीम डेस्टीनेशन बन कर उभर रहा यूपी* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतिगत प्रतिबद्धता, जिसमें उद्योगों के लिए बेहतर लॉ एंड ऑर्डर, तेज़गति से स्वीकृति प्रक्रियाएं, सिंगल विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा और क्रियान्वयन में पार्दर्शिता ने निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है। देश के बड़े औद्योगिक घराने ही नहीं बल्कि विदेश के निवेशक भी उत्तर प्रदेश को अब एक स्थायी और लाभकारी औद्योगिक डेस्टीनेशन के रूप में देख रहे हैं।औद्योगिक क्षेत्र की यह उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी को  वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *