- संवत्सर के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव को मिला है
- सिद्धार्थ होगा संवत्सर का नाम विश्व में फैलेगी अराजकता
शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार 30 मार्च 2025 दिन रविवार को प्रातः काल सूर्योदय के समय 6 :18 बजे से भारतीय नव संवत्सर 2082 आरंभ हो रहा है ।संवत्सर 2082 के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव को मिला है।ज्योतिष के अनुसार जिस दिन नव संवत्सर आरंभ होता है। उस दिन के अनुसार वर्ष का राजा निर्धारित होता है।तथा उस वर्ष में पहली संक्रांति का जो दिन होता है उस ग्रह को मंत्री पद मिलता है।30 मार्च को नववर्ष का आरंभ रविवार को हो रहा है और 13 अप्रैल को मेष की संक्रांति आ रही है दोनों दिन रविवार है इसलिए इस वर्ष के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव को मिलेगा। सूर्य जब जिस संवतसर में मंत्री और राजा होते हैं, उस वर्ष वर्षा की मात्रा कम होती है। फसलों में नुकसान होता है। पानी की कमी जनता महसूस करेगी। कृषि में सुधार और उद्योग में उत्पादन बढ़ेगा ।भ्रष्टाचार, चोरी, अराजकता को रोकने में प्रशासन नाकाम रहेंगे।इसे सम्वत्सर का नाम सिद्धार्थ रहेगा। नाम के अनुरूप समस्त पृथ्वी पर कृषि और विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन बढ़ेगा। प्रजा जनों में ज्ञान वैराग्य की वृत्ति उत्पन्न होगी।
नव संवत्सर के दिन बन रहा है षडग्रही योग
प्रातः 30 मार्च को प्रातः 6:18 बजे जब नववर्ष का सूर्योदय होगा। उस समय आकाश मंडल में पूर्व क्षितिज पर मीन राशि रहेगी। और लग्न में प्रथम स्थान पर छ : ग्रहों का योग बनेगा।शनि ,राहु, सूर्य, बुध, शुक्र, चंद्रमा रहेंगे। और सप्तम दृष्टि केतु की पड़ेगी। इसके परिणाम स्वरूप आसुरी शक्तियां बढ़ेगी युद्ध , अराजकता, प्राकृतिक प्रकोप से जनता दुखी रहेगी। विश्व हथियारों की होड़ बढ़ेगी। शासनाध्यक्ष तानाशाह हो जाएंगे और विश्व में अशांति का प्रचंड प्रकोप रहेगा। सूर्य शुक्र राहु जब एक राशि पर होते हैं तो सामाजिक सद्भाव को हानि पहुंचती है देश में जातिवाद में अन्य आंदोलन रफ्तार पकड़ने लगते हैं। सत्तारूढ़ दलों को परेशानी उत्पन्न हो सकती है ।समाज में परस्पर विरोध बढ़ेगा दंगा फसाद मारपीट झगड़े के चलते जनधन की हानि होंगी। बुद्धिमान लोगों को अपनी सुरक्षा का दायित्व खुद निर्वहन करना चाहिए।
भारतीय नव वर्ष पर करें ये कार्य
नव वर्ष के प्रथम दिन अर्थात 30 मार्च को सभी हिंदू परिवार अपने घरों में साफ सफाई करके दरवाजे पर बंदनवार लगाएं, घर के आसपास स्वच्छता करके रंगोली बनाएं,हनुमान जी का ध्वज छत पर टांगे , मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं ,रात्रि को घी अथवा तेल के दीपक जलाएं तथा बिजली के लड़ी लगाकर अपने घर को प्रकाशित करें। एक दूसरे को, मित्रों , परिवार के सदस्यों, संबंधियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दें और मां भगवती काआह्वान करें।पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद