Dainik Athah

मिनी सदन बना अखाड़ा,पार्षदों ने पुनरीक्षित बजट का किया विरोध

  • नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामा
  • नगर निगम अपनी जमीन खुद चिन्हित करेगा और उस पर अपना कब्जा लेगा: सुनीता दयाल
  • रात तक चली बोर्ड बैठक में दो प्रस्तावों को छोड़कर सभी प्रस्ताव पास किये गये

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को नगर निगम बोर्ड बैठक शुरू हुई। बैठक श्रु होते ही पार्षदों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। बोर्ड बैठक में जैसे ही पुनारीक्षित बजट रखा गया वैसे ही पार्षद भड़क उठे ।
पार्षदों का कहना था कि पहले तो यह बजट कार्यकारिणी में रखा जाना था,लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पार्षदों ने कहा कि बजट रखने का यह सही समय भी नहीं है। इसे समय से लागू भी नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। पार्षदों के कहना था कि जब अभी पुनरीक्षित बजट रखा गया है तो पूर्ण बजट कब रखा जाएगा। पार्षद इसे सीधे बोर्ड में रखे जाने पर भी नाराज थे।

पार्षदों ने कहा कि इस बजट में कई विसंगतियां भी हैं, इसलिए बजट पर चर्चा के लिए अलग से दिन तय हो। पार्षदों के जवाब में सुनीता दयाल ने कहा कि कार्यकारिणी अध्यक्ष के चुनाव के लिए बैठक का समय मांगा था, जो नहीं मिला बिना कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के बैठक कैसे की जा सकती है। हंगामे के बाद बैठक को सुचारू चलाया गया।

बैठक में नगर निगम की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जे का मामला भी उठा। इस पर मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम की जमीन पर तहसीलदार, कानूनगो लेखपाल कब्जा करा देते हैं। अब जमीन के मामले में तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल आदि से कोई बात नहीं होगी। नगर निगम अपनी जमीन खुद चिन्हित करेगा और उस पर अपना कब्जा लेगा।
बैठक में करीब 5 बजे के बाद प्रस्तावों पर चर्चा शुरू हुई। बतादें कि बोर्ड बैठक में वार्डों में कार्यों के लिए प्रस्ताव निर्माण विभाग ने पेश किए हैं। वहीं, स्मार्ट पार्किंग, यूजर चार्ज, कूड़ा निस्तारण के लिए एनओसी, पार्क, प्रमुख मार्ग और गलियों के नाम बदलने, यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य, साप्ताहिक बाजारों के लिए नीति समेत अन्य विकास के मुद्दे एजेंडे में शामिल किए गए।
सदन सचिव की ओर से एजेंडा महापौर समेत सभी विभागों को भेज दिया गया था। महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के प्रथम चरण में पुनरीक्षित बजट और दूसरे चरण में प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी। नगर निगम पथ विक्रेताओं को यूजर चार्ज के दायरे में लाएगा। पथ विक्रेताओं का पंजीकरण निगम कराएगा। इसके लिए 200 रुपये लिए जाने का प्रस्ताव रखा गया। पहचान पत्र के लिए 40 रुपये प्रति विक्रेता लेने की बात कही गई।
इसके अलावा स्थिर फेरी वालों से 600 रुपये प्रति माह वेंडिंग शुल्क, ठेले वालों से 300 रुपये प्रतिमाह शुल्क निगम वसूलने का भी प्रस्ताव शामिल है। पहचान पत्र के लिए 40 रुपये प्रति विक्रेता नगर निगम लेगा। लखनऊ की तर्ज पर साप्ताहिक बाजार, ठेले वालों पर यूजर चार्ज लगाने की बात कही गई। बैठक में 2 प्रस्तावों को छोड़कर सभी प्रस्तावों पर मोहर लग गयी।

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