- योगी सरकार ने महिलाओं के कल्याण, सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए पिछले आठ वर्षों में की हैं अनेक पहल
- महिला दिवस विशेष
- विभिन्न योजनाओं और अभियानों के माध्यम से सरकार ने आधी आबादी को दिलाया सम्मान और सुरक्षा
- महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी उठाए गए ऐतिहासिक कदम
- बजट 2025-26 में भी महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए की गई हैं कई नई घोषणाएं
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं के कल्याण, सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए पिछले आठ वर्षों में अनेक पहल की हैं। विगत वर्षों में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और अभियानों के माध्यम से राज्य सरकार ने आधी आबादी को न केवल सम्मान और सुरक्षा प्रदान की, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन प्रयासों की झलक बजट 2025-26 में भी देखने को मिली, जिसमें महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए कई नई घोषणाएं की गई हैं। महिलाओं के प्रति यह समर्पण न केवल उत्तर प्रदेश के विकास को गति दे रहा है, बल्कि देश के सामने एक मिसाल भी पेश कर रहा है।
स्वच्छता और सुरक्षा में क्रांतिकारी कदम
योगी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के तहत लगभग 09 लाख व्यक्तिगत और 69 हजार से अधिक सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कर सभी नगरीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने में सफलता हासिल की है। खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए 1,100 ब्लॉकों में पिंक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। यह कदम महिलाओं के सम्मान और उनकी गरिमा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण की मजबूत नींव
कमजोर वर्ग की बालिकाओं को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए 680 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को उच्चीकृत किया गया है, जहां कक्षा 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, शादी अनुदान योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 200 करोड़ रुपये के प्रावधान से दिसंबर 2024 तक 58,594 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से अब तक 22 लाख 11 हजार बालिकाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया गया है।
महिला स्वावलंबन को किया गया प्रोत्साहित
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 2016-17 में जहां 17 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा था, वहीं 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 34 लाख हो गई है। इन महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, अनुपूरक पुष्टाहार योजना के जरिए 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती-धात्री महिलाओं के लिए पोषण सुनिश्चित करते हुए 2 करोड़ 12 लाख लाभार्थियों के जीवन में सुधार किया गया है।
आत्मनिर्भरता और सम्मान की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को 2024-25 से दो मुफ्त सिलेंडर रिफिल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं के घरेलू जीवन में सुगमता आई है। रक्षाबंधन के पर्व पर 2017 से 2024 तक 1 करोड़ 20 लाख से अधिक महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान की गई। वहीं, लखपति महिला योजना के तहत 31 लाख से अधिक महिलाओं को चिह्नित किया गया, जिनमें से 2 लाख से अधिक अब लखपति बन चुकी हैं।
सुरक्षा और सम्मान के लिए अभियान
महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति-5.0, आॅपरेशन गरुड़, आॅपरेशन शील्ड जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इन पहलों ने महिलाओं को न केवल सुरक्षित माहौल प्रदान किया, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करने में भी योगदान दिया।
बजट 2025-26 में महिलाओं के लिए खास घोषणाएं
हाल ही में पेश बजट में महिलाओं के लिए कई नई योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इसके तहत…
. ‘रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना’ के तहत मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सहायता राशि को 51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
. इसके अलावा, विधवा पुनर्विवाह और उनकी बेटियों के विवाह के लिए अनुदान को भी बढ़ाया जाएगा।
. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए 971 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मानदेय प्रस्तावित है।
. 07 जनपदों में श्रमजीवी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया गया है।