Dainik Athah

इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना में फजीर्वाड़े के मामले में जीडीए ने अंसल के निदेशकों पर दर्ज कराया मुकदमा

  • गरीबों के बनाने थे 848 घर, लेकिन 160 घर बनाकर बाकी जमीन पर प्लॉटिंग कर बेच दी
  • सार्वजनिक उपयोग जैसे एसटीपी, पुलिस स्टेशन, स्कूल के लिए आरक्षित जमीन भी बेची

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने रियल एस्टेट फर्म अंसल प्रॉपर्टीज पर धोखाधड़ी के आरोप में क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का आरोप है कि बिल्डर ने डूंडाहेड़ा की जमीन पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना में फजीर्वाडा किया है।
कंपनी निदेशक प्रणव अंसल, विकास यादव और जीएम अमित शुक्ल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सहायक अभियंता ज्ञान प्रकाश द्विवेदी की शिकायत पर दर्ज मामले में प्राधिकरण का आरोप है कि बिल्डर ने गरीबों के लिए आरक्षित ईडब्ल्यूएस कोटे के 848 फ्लैट बनाने की बजाय सिर्फ 160 घर बनाए और बाकी जमीन करोड़ों रुपए में बेच दी।
अंसल प्रॉपर्टीज ने सार्वजनिक उपयोग जैसे एसटीपी, पुलिस स्टेशन, स्कूल के लिए आरक्षित जमीन भी बेचकर करोड़ों रुपए कमाए और लोगों को सुविधाओं से वंचित किया। प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर ने प्राधिकरण की शर्तों और स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन किया है।

यह है पूरा मामला
प्रवर्तन जोन-5 के अंतर्गत डूंडाहेडा की 152.89 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप के विकास हेतु चयन किया गया था। प्रथम चरण में 127 एकड़ पर प्रस्तुत योजना का डीपीआर बोर्ड द्वारा 07 मई 2007 को स्वीकृत कर डेवलपमेंट एग्रीमेंट निष्पादित किया गया था, जिसकी पूर्णता अवधि पांच साल यानी 06मई माह .2012 निर्धारित की गई थी।
इसके पश्चात अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फ्रास्टक्चर लिमि, (कंशोर्सियम) हेतु पुन: अधिग्रहीत कराई जा रही 14.50 हेक्टेयर भूमि के संबंध में उच्च न्यायालय ने दिनांक 14 दिसम्बर 2016 को अर्जन प्रक्रिया निरस्त कर दी गई। इस कारण उक्त भूमि को डीपीआर से अलग कर 99.75 एकड़ भूमि पर संशोधित डीपीआर/ले-आउट शासन द्वारा गठित समिति की अनुशंसा एवं प्राधिकरण बोर्ड के अनुमोदन 15 जून .2019 के तहत 24 अगस्त.2020 को प्रदान किया गया।
परियोजना के स्वीकृत ले-आउट के अनुसार बिल्डर ने आंतरिक एवं वाह्य विकास कार्य जैसे एसटीपी, सीवर, पेयजल, आंतरिक सड़कें, बाउंड्री वॉल, नाली, पार्क आदि मानकों के अनुसार विकसित नहीं किए गए।

डायरेक्टर प्रणव अंसल ने अनुबंध की शर्त संख्या-5 (कक) का उल्लंघन करते हुए अल्प आय वर्ग के लिए निर्धारित 848 भवनों के स्थान पर केवल 160 भवनों का निर्माण किया तथा शेष भूमि पर अवैध भूखंड सृजित कर बेच दिए। यह कार्य उ0प्र0 सरकार द्वारा निर्धारित टाउनशिप नीति की शर्तों के विरुद्ध था और इस भूमि के दस्तावेजों में हेराफेरी की गई।
इसके अतिरिक्त, तलपट मानचित्र की स्वीकृति के समय मोनिका घई द्वारा प्रस्तुत आपत्ति में विकासकर्ता ने अपने शपथ पत्र में उल्लेख किया था कि उन्हें प्लॉट संख्या ई-028 के स्थान पर डी-121 आवंटित किया जाएगा। किन्तु, इसका उल्लंघन करते हुए उक्त प्लॉट विनय कुमार त्यागी व दिव्यांश जैन को आवंटित कर दिया गया

अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए जीडीए ने।थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक में प्रणव अंसल (डायरेक्टर), विकास यादव (डायरेक्टर), अमित शुक्ला (जनरल मैनेजर एवं प्रतिनिधि) तथा अन्य अधिकारियों मै. अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फ्रा० लि.
(कंशोर्सियम) के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है।

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