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एक माह का समय बढ़ाना चाहिए था लेकिन भाजपा की मनमानी रोड़ा बन गई: अखिलेश यादव

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने धर्म, आस्था और सेवा के महापर्व महाकुंभ की पवित्र भावना को ठेस पहुंचाते हुए राजनीतिक अवसरवाद तलासने का काम किया है। महाकुंभ में हर तरफ अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। कुंभ को असत्य प्रचार का माध्यम बनाकर करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया और राजनीतिक हितपूर्ति में इस्तेमाल किया है। मुख्यमंत्री जी ने अपनी सुविधानुसार 26 फरवरी 2025 को कुंभ का औपचारिक समापन कर दिया। जिससे उन करोड़ों बुजुर्गों की इच्छा अधूरी रह गई जो अमृतस्नान करने से किन्हीं कारणों से वंचित रह गए हैं। ऐसे में एक माह का समय बढ़ाना चाहिए था लेकिन भाजपा की मनमानी रोड़ा बन गई।

यादव ने कहा कि प्रयागराज संगम पर महाकुंभ का सदियों का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व और इतिहास है। कन्नौज के सम्राट हर्षवर्धन से लेकर समाजवादी पार्टी की सरकार तक के समय 2013 में कुंभ का सफल आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में 2013 के कुंभ की व्यवस्थाओं को साधु संतों सहित पूरी दुनिया ने सराहा था। हावर्ड विश्वविद्यालय की टीम ने उस समय महाकुंभ में की गयी व्यवस्थाओं स्वच्छता, सफाई और भीड़ प्रबन्धन की व्यवस्था को आश्चर्यजनक बताते हुए सराहना की थी और उस पर एक पुस्तक भी प्रकाशित किया। 2013 में समाजवादी सरकार में आयोजित कुंभ पर न्यूयार्क में कल ही चर्चा और सेमिनार हुए।
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ को लेकर शुरू से भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री की नीयत में खोट था। वह धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन को राजनीतिक रंग देने में जुटे रहें। मुख्यमंत्री को महाकुंभ में आस्था कम व्यापार और व्यापारिक लाभ ज्यादा दिखाई दिया। वे उसी हिसाब-किताब में जुटे रहे। उन्होंने धार्मिक आयोजन की पवित्रता को नष्ट करने का पाप किया। व्यवस्थाओं, भीड़ प्रबन्धन पर कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते भगदड़ हुई और बड़ी संख्या में श्रद्धालओं को जान गंवानी पड़ी।

यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा बार-बार मांग पर भी भाजपा सरकार ने कुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों की सही संख्या नहीं बता रही है और न ही रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना के शिकार लोगों की सही संख्या नहीं बतायी जा रही है। तमाम लोग अपने परिजनों की खोज में आज भी भटक रहे हैं। यह भाजपा की संवेदनहीनता है। आखिर भाजपा सरकार मृतकों और खोये हुए श्रद्धालुओं की सूची देने से क्यों भयाक्रांत है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य में कुंभ के सुचारू आयोजन के लिए समाजवादी पार्टी मांग करती है कि श्रद्धालुओं और साधु-संतो के आवागमन स्नान और आश्रय के लिए स्थायीढ़ांचा विकसित करने के लिए एक दो लाख करोड़ रुपए का कार्पस फंड स्थापित किया जाना चाहिए। जिसमें एक लाख करोड़ रुपए राज्य सरकार और एक लाख करोड़ रुपए केन्द्र सरकार को देना चाहिए। इसके साथ ही प्रयागराज के किला को भी केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को स्थानांतरित किया जाना चाहिए।


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