चार मौतों का मामल: कंचन पार्क पहुंचे लोनी विधायक
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। रविवार की सुबह अचानक लगी आग में जिंदा जल गए तीन बच्चों और एक महिला के मामले में लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मौके का दौरा किया। वह पीड़ित परिवार से मिले। उनके दुख में शामिल होने की बात कहते हुए ढांढस बंधाया। लोनी विधायक ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है।
सात से नौ साल के तीन बच्चों की एक साथ हुई मौत बहुत ही दुखद है और इस दुख की घड़ी में लोनी पीड़ित परिवार के साथ है। उन्होंने लोनी वासियों से यह अपील भी की कि घनी आबादी के चलते बहुत ही सतर्कता की जरूरत है। घरों में इलेक्ट्रिक उपकरण, अंगीठी और मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्वाइल आदि बहुत ही सतर्कता से जलाएं।
सहायता मिलने में मुश्किल आई: लोनी विधायक ने कहा कि कंचन पार्क की जिस गली नंबर पांच में यह दुखद घटना हुई है, वह काफी संकरी है, इसलिए मौके पर मदद पहुंचने में मुश्किलें आईं और समय भी अधिक लग गया।
ऐसा न होता तो शायद पहले मदद पहुंच गई होती और हादसा इतना विकराल रूप न लेता। मूलरूप से मवाना, मेरठ के रहने वाले 64 वर्षीय फारूक 30 साल पहले यहां आकर बसे थे। हाजी फारुक के पांच बेटे हैं, दो इसी मकान में उनके साथ रहते हैं और तीन अलग। दोनों बेट्रों शाहनवाज और शमशाद का परिवार भी इसी मकान में तीसरे तल पर रहता था। लोनी विधायक ने व्यक्तिगत स्तर पर भी परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है और शासन से मदद कराने का आश्वासन दिया है।
तीन पोतों की मौत से सदमे में हैं फारुक: फारूक तीन पोतों और बहु की मौत से सदमे में हैं। वो बताते हैं कि 30 साल पहले कैसे मवाना से लोनी में आकर एक – एक पैसा जोड़कर परिवार को बसाया था, अब सब उजड़ गया। उन्होंने बताया शाहनवाज की पत्नी गुलवहार अपने पति और तीन बच्चों के साथ शाम को शनिवार शाम को आठ बजे ही सो गई थी। सुबह सोकर उठने पहले पूरा मकान की दूसरी ओर तीसरे मंजिल आग की चपेट में थी।
हाजी फारूक बताते हैं वह नीचे वाले तल पर ही रहते थे और बच्चे तीसरे तल पर। दूसरे तल पर सिलाई का काम होता था। मरने वालों में हाजी फारुक के तीन पोते और बहु गुलवाहर शामिल है। दूसरे बेटे शमशाद की पत्नी आयशा भी गंभीर है।
लेंटर कमजोर होने से मकान बंद किया: पुलिस ने आग की चपेट में आए मकान का लेंटर कमजोर होने के कारण उसे बंद कर दिया। मकान में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। आग लगने से लेंटर में दरार आ गई हैं और किसी भी समय हादसा होने का खतरा बना हुआ है। लोग घटनास्थल पर जाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें गली के बाहर से लौटा दे रही है।
आसपास के क्षेत्र में केवल इस दुखद खबर की ही चर्चा हो रही। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के परिवार को सौंप दिया और शव दफना दिए गए।