Dainik Athah

प्रयागराज महाकुंभ की झोली में आया एक और कीर्तिमान, प्रयागराज की बेटी ने 13 हजार फीट की ऊंचाई पर लहराया महाकुंभ का आधिकारिक झंडा

  • सबसे कम उम्र की सी लाइसेंस प्राप्त महिला स्काई ड्राइवर प्रयागराज की बेटी अनामिका शर्मा ने बैंकॉक में बनाया कीर्तिमान
  • जय श्री राम और राम मंदिर का ध्वज लेकर 13 हजार फीट से छलांग लगाने का कीर्तिमान बना चुकी है अनामिका

अथाह संवाददाता
प्रयागराज
। त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहा महाकुंभ कीर्तिमानों का कुम्भ बनता जा रहा है। कीर्तिमान की माला में एक नया कीर्तिमान भी प्रयागराज महाकुंभ के नाम दर्ज हो गया है। यह कीर्तिमान है आकाश में सबसे अधिक ऊंचाई पर दिव्य और भव्य महाकुंभ के आधिकारिक झंडे के फहराने का।

13 हजार फीट की ऊंचाई पर लहराया महाकुंभ का परचम
प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ- 2025 की तैयारी के बीच ही प्रयागराज की ही बेटी अनामिका शर्मा ने महाकुंभ के झंडे को आकाश में लहरा कर दुनिया को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया है। अनामिका ने 08 जनवरी 2025 को बैंकॉक के आसमान में 13000 फीट की ऊंचाई पर दिव्य- कुंभ- भव्य- कुंभ का आधिकारिक झंडा लेकर छलांग लगाई। 144 वर्षों के बाद अद्वितीय मुहूर्त और शुभ ग्रहीय, ज्योतिषीय संयोग के इस महाकुंभ को दिव्यऔर भव्य बनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी और उत्तर प्रदेश के तेजस्वी मुखिया योगी जी ने अपनी आस्था का जो अद्वितीय परिचय दिया है और व्यवस्थाओं को खुले हृदय से आर्थिक सहयोग किया है उसमें प्रयागराज की ही बेटी अनामिका शर्मा ने चार चांद लगा दिया है । बैंकाक के आसमान में अनामिका ने दिव्य- कुंभ भव्य- कुंभ का झंडा लेकर जैसे ही छलांग लगाया, प्रयागराज सहित विश्व के कोने-कोने में बसे भारतीयों का माथा गर्व से ऊँचा हो गया। अनामिका शर्मा को बधाईयों का तांता लग गया..लोगों ने अनामिका को शुभकामनाएं प्रेषित की है और अपना हार्दिक आभार भी व्यक्त किया है कि अनामिका भारत की संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिनिधि होने का अधिकार रखती है।

श्री राम मंदिर के ध्वज को लेकर भी अनामिका बना चुकी है कीर्तिमान
अनामिका ने इससे पूर्व 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन को स्मरणीय बनाने के लिए “जय श्रीराम” एवं श्री राम मंदिर के ध्वज के साथ भी 13000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी..यह छलांग भी अनामिका ने बैंकॉक में ही लगाई थी..अपने देश में इन सुविधाओं का भाव का अभाव होने के कारण अनामिका को अपने अभ्यास के लिए रूस, दुबई और बैंकॉक जाना पड़ता है।

अनामिका ने ऐसे प्रदर्शन कर अपनी संस्कृति के प्रति निष्ठा का अद्वितीय परिचय दिया है। अनामिका ने बताया कि मैंने जब भी आसमान में उड़ान भरी और ऊंचाई से छलांग लगाई तो यह भाव हमेशा जागृत रहा कि “मेरा भारत महान”. महाकुंभ- 2025 के लिए अनामिका के इस अद्वितीय योगदान के बारे में पूछने पर अनामिका ने कहा कि “हमारी परंपरा रही है कि जब भी विश्व कल्याण के लिए कोई आयोजन होता है तब भारत के सभी प्राणी यहां तक की गिलहरी भी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान करते हैं, मैं तो फिर भी गर्व से कहती हूं कि मैं भारत की बेटी हूं”. महाकुंभ-2025 तो विश्व का सबसे बड़ा मानव कल्याण का आयोजन है..

अनामिका शर्मा की भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में आस्था और उसके ज्ञान को देखते हुए आश्वसन मिलता है कि देश की युवा पीढ़ी प्रखर मेधा से संपन्न है और देश के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का साहस भी रखती है. अनामिका ने महाकुंभ के बारे में बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की शास्त्रार्थ परंपरा का ही बृहद रूप है. ऋषियों, मुनियों, तपस्वी जनों, धमार्चार्यों आदि के संगम नगरी में प्रवास करने से ही संपूर्ण परिवेश दिव्य हो जातहै. शास्त्रों की चर्चा, परंपराओं का मूल्यांकन और उनमें समय अनुकूल परिवर्तन का सुझाव ऋषियों मुनियों से प्राप्त होता है. ” वसुधैव कुटुंबकम” का साक्षात प्रदर्शन भी यहां हो जाता है. “सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामया” की धुन यहां के कण- कण में व्याप्त रहती है. मानव जीवन के विविध रंगों का साक्षात्कार कुंभ में हो जाता है. अपनी इस छलांग के बारे में पूछने पर अनामिका शर्मा ने बताया कि मैं अपनी संस्कृति और अपने शहर की सेवा जिस किसी भी रूप में कर सकती हूं वह मेरे लिए गौरव का विषय रहेगा और मैं ऐसा करती ही रहूंगी. मुझे गर्व है कि मैं विश्व के प्रथम कुलपति, विमान शास्त्र के रचयिता और प्रयागराज के मूल पुरुष महर्षि भारद्वाज के गुरुकुल के प्रांगण में पली- बढ़ी।

महिला दिवस में संगम के जल में लैंडिंग की है अनामिका की तैयारी
अनामिका शर्मा बैंकाक से लौटकर प्रयागराज के मेला अधिकारी और उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी जी से मिलने की इच्छा रखती है। अनामिका की आगामी योजना है कि महाकुंभ की समाप्ति के बाद महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में वह महिला दिवस 8 मार्च 2025 से पहले गंगा- जमुना- सरस्वती के संगम में पानी पर लैंडिंग करने का प्रदर्शन करेगी. बताते चलें कि अनामिका एक प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर भी है अर्थात वह स्काई डाइविंग करते हुए जल पर लैंडिंग कर सकती है. इसका भी प्रशिक्षण अनामिका ने प्राप्त किया है.

कौन है अनामिका शर्मा
अनामिका शर्मा भारत की सबसे कम उम्र की स्काई सी लायसेंस प्राप्त महिला स्काई ड्राइवर है। अनामिका ने अपने पिता पूर्व वायु सैनिक अजय कुमार शर्मा जो स्वयं ही एक स्काई डाइविंग प्रशिक्षक है के प्रोत्साहन से मात्र 10 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली छलांग 13000 फीट की ऊंचाई से लगा लिया था। अनामिका शर्मा आज 24 वर्ष की हो गई है और अमेरिका के यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट संगठन सी लाइसेंस प्राप्त भारतीय महिला स्काई ड्राइविंग प्रशिक्षक है। अनामिका विदेशों में एक प्रशिक्षक के रूप में भी अनेक उपलब्धियां बटोर रही है. अनामिका शर्मा के पिता श्री अजय कुमार शर्मा ही अपनी बेटी के सबसे बड़े आदर्श हैं। अनामिका ने कहा है कि भूतपूर्व वायु सैनिक सैनिक होने के बावजूद मेरे पिता ने स्वयं तो स्काई डाइविंग के क्षेत्र में प्रशिक्षक बने ही मुझे भी ऐसा करने के लिए न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि इसमें होने वाले खर्च को भी वहन किया जो आसान कभी नहीं रहा।


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