Dainik Athah

15 के बाद राष्टÑीय अध्यक्ष, 15 से पहले प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव होंगे संपन्न

  • संगठन चुनाव को लेकर भाजपा की बैठक
  • 10 जनवरी तक जिलाध्यक्षों के चुनाव संपन्न कराने के निर्देश
  • 50 फीसद चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष और राष्टÑीय अध्यक्ष का चुनाव

अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली
। भारतीय जनता पार्टी में संगठन स्तर पर फरवरी से पहले प्रदेश से लेकर राष्टÑीय स्तर तक बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। पार्टी को उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में 15 जनवरी तक नये प्रदेश अध्यक्ष मिल जायेंगे, जबकि राष्टÑीय अध्यक्ष का चुनाव 15 जनवरी के बाद होगा। दस जनवरी से पहले जिलाध्यक्षों के चुनाव करवाने के निर्देश दिये गये हैं।
रविवार को संगठन चुनाव को लेकर दिल्ली में पार्टी की बैठक हुई। बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा राष्ट्रीय महासचिव और संगठन चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी भी मौजूद रहे। इसके साथ ही राज्यों से प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और चुनाव अधिकारी शामिल हुए। बैठक में संगठनात्मक चुनाव और सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा हुई। बैठक में सभी राज्यों को निर्देश दिये गये कि जिलाध्यक्षों के चुनाव हर हाल में दस जनवरी तक संपन्न करवा लिये जायें। इसके बाद 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव होने हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार 15 जनवरी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। बैठक में मुख्य रूप से मंडल, जिला और प्रदेश पदाधिकारियों के चुनावों पर अधिक चर्चा रही।

बता दें कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव के चलते जेपी नड्डा को जून, 2019 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी, 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो चुका है। तब लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। भाजपा के संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक लगातार अध्यक्ष रह सकता है। नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाने के बाद उनके दोबारा अध्यक्ष बनने की संभावना खत्म हो चुकी है। इसकी वजह भाजपा का एक व्यक्ति-एक पद नियम है।


भाजपा पद के लिए आयु सीमा पहले ही तय कर चुकी है। युवाओं को संगठन में महत्व देने के लिए जिलाध्यक्ष की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच होगी। जिलाध्यक्ष के लिए संगठन में 7 से 8 साल तक काम करने का अनुभव भी जरूरी किया गया है। इनका चुनाव 15 जनवरी तक पूरा कराए जाने का लक्ष्य है।लगातार दो बार मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। साथ ही तय हुआ है कि संगठन के किसी पद काम कर रहे व्यक्ति को ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।
भाजपा सूत्र बताते हैं कि सत्ता के साथ पार्टी में आये लोगों को अधिक महत्व नहीं दिया जायेगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *