Dainik Athah

समय पर पूरे होंगे सारे काम, आपसी समन्वय के साथ मिलकर काम करेंगे सभी विभाग

  • मुख्यमंत्री की विजिट से पहले प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी और एडीजी ने की तैयारियों की समीक्षा
  • अधिकारियों और कर्मचारियों को विभागीय समन्वय बनाकर श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
  • जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा पांटून पुलों के विकास का कार्य, नाइट शिफ्ट लगाकार युद्धस्तर पर काम किया जाए पूरा
  • चेकर्ड प्लेट, साइनेज लगाने के काम में भी तेजी लाने के निर्देश, मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर नियमित जल छिड़काव की हो व्यवस्था
  • स्नान पर्व के दौरान ट्रैफिक की रहेगी खास व्यवस्था, सभी होल्डिंग एरिया और शटल बसों का रूट किया गया तय, इमरजेंसी प्लान भी तैयार

अथाह संवाददाता
महाकुम्भनगर। महाकुम्भ को अब एक माह से भी कम समय रह गया है और इस महाआयोजन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप जो कार्य अभी अधूरे हैं, उन्हें भी विभागीय समन्वय बनाकर तेजी से पूरा किया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विजिट से पहले रविवार को मेला प्राधिकरण स्थित आईसीसीसी सभागार में प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी और एडीजी प्रयागराज की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में इस पर चर्चा हुई। सभी अधिकारियों ने विभागों से मिलकर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि समय से पूर्व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित कर ली जाएं।
प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान ने कहा कि पंटून पुलों के कार्य तेजी से चल रहे हैं। लगातार नाइट शिफ्ट में युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। एक-दो दिन में सभी पंटून पुल क्रियाशील हो जाएंगे। साइनेज लगाने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। प्रतिदिन 100 साइनेज लगाने का कार्य किया जा रहा है। इसे भी इस माह के अंत तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर पार्किंग स्थल में चेकर्ड प्लेट रखी जा रही है। उन्होंने अधीनस्थ कर्मचारियों से काम में तेजी लाते हुए सभी महत्वपूर्ण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि महाकुम्भ सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, पूरे प्रदेश के लिए बड़ा अवसर है। इसमें कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। सभी मार्गों पर निरंतर पानी का छिड़काव किया जाए, जिससे श्रद्धालुओं और संतों को किसी तरह की दिक्कत न हो। टैंकर में जीपीएस लगाए जाएं, ताकि इनकी मॉनीटरिंग की जा सके। इसके अलावा ड्रोन की भी मदद ली जाए। उन्होंने कहा कि अधूरे कार्यों में तेज प्रगति के लिए पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की टीमों को मिलकर काम करना चाहिए। शहर और मेला क्षेत्र में सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। यह महाकुम्भ के दौरान भी ऐसा ही बना रहे, इसके लिए तेजी लाने की आवश्यकता है। अब तक मेला क्षेत्र में 200 में से 153 वाटर एटीम लग चुके हैं। सभी 25 सेक्टर में जल निगम को सप्ताह भर में हर व्यवस्था दुरुस्त कर लेनी है।
एडीजी भानु भास्कर ने ट्रैफिक की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार महाकुम्भ में पार्किंग की विशेष व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शाही स्नान पर्व के दौरान ट्रैफिक की खास व्यवस्था की गई है। सभी होल्डिंग एरिया और शटल बसों का रूट तय कर दिया गया है। इस दौरान इमरजेंसी प्लान भी तैयार है। स्वास्थ्य, फायर और जल पुलिस को अलग से तैयार किया गया है। किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिले के चार हॉस्पिटल्स को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। पार्किंग के लिए सभी प्रमुख स्थलों पर बैरियर रहेंगे। वाराणसी, जौनपुर रोड, अयोध्या जैसे मार्गों पर सबसे हैवी क्राउड होगा, जिसके मद्देनजर तैयारी की जा रही है। वहीं, मिजार्पुर रोड पर सरस्वती हाईटेक के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, छिवकी, झूंसी, प्रयाग, फाफामऊ स्टेशन पर होल्डिंग एरिया निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने चेकर्ड प्लेट बिछाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे मेला क्षेत्र में चेकर्ड प्लेट लगाने का काम जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए और ये सही से बिछाई गई हैं या नहीं, इसकी निरंतर मॉनीटरिंग भी होनी चाहिए। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि प्रयाग, सूबेदार गंज स्टेशन पर क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्टेशन के नजदीक ही घाट विकसित किए गए हैं, जिससे महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को स्नान करने में कोई दिक्कत न आने पाए। महाकुम्भ के मद्देनजर जो तैयारियां की गई हैं, उनमें आरओबी और अंडर पास गेम चेंजर बनेंगे। उन्होंने बताया कि सभी प्रमुख स्टेशनों पर अधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया है। प्रमुख स्नान पर्वों पर एंट्री और एग्जिट रूट अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए अधिक से अधिक प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाए।


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