अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपाइयों को ईमान की रोटी नहीं पचती। भाजपा सरकार में जिनका भी उत्पीड़न हो रहा है, उसके पीछे बात ये नहीं है कि वो कहाँ का है, वो जो कोई भी हो, अगर मेहनत करके ईमानदारी से दो जून की रोटी कमा रहा है, मजबूर है, बेबस है या वंचित समाज का है तो वह भ्रष्ट भाजपा सरकार के शोषण-उत्पीड़न का शिकार होगा ही।
यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा गरीबों के विरोध की असली वजह सबको समझनी चाहिए, जिसकी जड़ में मनोविज्ञान है। भाजपाइयों को लगता है कि ‘ईमान की रोटी कमाने वाले’ सैद्धांतिक रूप से भाजपाइयों की पैसे की उस भूख के खिलाफ हैं, जो बेईमानी से ही पैसा कमाना जानती है। भाजपाइयों को लगता है, ईमानदारी से पैसा कमानेवाले, उनकी बेईमानी की सोच के साक्षात् विरोधी हैं, इसीलिए ऐसे ईमानदार लोगों को आम जनता की आँख के सामने से हटा देना चाहिए। कहा जाता है, जब कुछ दिखना बंद हो जाता है, तो लोग उसके बारे में सोचना भी बंद कर देते हैं। इसीलिए भाजपा गरीबों-मेहनतकशों को हटा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या में किसानों की जमीन और लोगों के मकानों का जबरन अधिग्रहण कर लिया गया और पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया। जमीन और घरों से विस्थापित लोगों की जिंदगी कैसे कटेगी, इसकी भाजपा सरकार ने जरा भी चिंता नहीं की। कई अन्य जिलों में भी यही कहानी दोहराई गई है। लोग त्रस्त है पर करें क्या? कई पीढ़ियों से काबिज परिवार बेसहारा हो चुके हैं। भूमाफिया बेखौफ हैं। अपराधी बेलगाम हैं।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में पत्रकारों की जिंदगी भी सुरक्षित नहीं रह गई है। शाहजहांपुर के पत्रकार नगेंद्र सिंह को जिंदा जला दिया गया। सरकार को अपनी आलोचना तनिक भी पसंद नहीं। वह जनता का मुंह बंद कर, सत्ता के दुरूपयोग से जेल यातना देने की जो राजनीति कर रही है, उसके आखिरी दिन शुरू हो गए हैं। इस अन्यायी, भ्रष्टाचारी भाजपा सरकार को जनता 2027 में उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है।