अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के कोर्ट रूम में हुए लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों का आंदोलन जारी है। आंदोलन में सहयोग न करने पर बार एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को गाजियाबाद के चार जन प्रतिनिधियों की बार की सदस्यता रद्द कर दी गई। इनमें केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा और राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप के अलावा लोनी और मुरादनगर विधायक क्रमश: नंदकिशोर गुर्जर और अजितपाल त्यागी शामिल हैं। वकीलों के इस आंदोलन में 6 दिसंबर को वेस्ट यूपी के 22 जिलों की बैठक बुलाई गई है, बैठक में आगे की रणनीति पर विचार करने की बात कही गई है।
29 नवंबर को भेजा था नोटिस
बार एसोसिएशन गाजियाबाद की ओर से 29 नवंबर को उन जन प्रतिनिधियों को नोटिस भेजा गया था जो बार के सदस्य भी हैं। नोटिस में आंदोलन की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था लेकिन एक सप्ताह का समय गुजरने पर भी बार को कोई जवाब नहीं मिला। गुरुवार को बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में साहिबाबाद विधायक और केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी की स्थाई सदस्यता रद्द करने का निर्णय ले लिया गया।
शुक्रवार को जुटेंगे वेस्ट यूपी के अधिवक्ता
बार एसोसिएशन गाजियाबाद की ओर से शुक्रवार को एक बार फिर वेस्ट यूपी के 22 जिलों की बैठक बुलाई गई है। बैठक के लिए पूर्व में संबंधित जिलों की बार एसोसिएशनों से बैठक में आकर सहयोग की अपील की जा चुकी है। गुरुवार को गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से धरनास्थल पर कुर्सियों की संख्या बढ़ाने और मंच को बड़ा करने का निर्णय लिया गया।
जिला जज की ओर से वार्ता का प्रस्ताव
गुरुवार को आंदोलन के मंच से वरिष्ठ अधिवक्ता और रालोद नेता अजयवीर सिंह की ओर से जानकारी दी गई कि जिला जल की ओर से प्रकरण के संबंध में वार्ता का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, हालांकि उन्होंने धरनास्थल पर मौजूद वकीलों को प्रस्ताव की जानकारी देने के साथ ही अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि प्रस्ताव पर विचार करने का यह सही समय नहीं है। बार एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में कोई अधिकारिक वक्तव्य नहीं मिला है।