- वकीलों की लड़ाई कोर्ट से सड़क पर पहुंची
- वकील 29 अक्टूबर को कोर्ट रूम लाठीचार्ज के मामले में जिला जज अनिल कुमार को बर्खास्त करने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज के 12 दिन बाद अधिवक्ताओं की लड़ाई कोर्ट परिसर से अब सड़क पर पहुंच गई है। सोमवार को बड़ी संख्या में अधिवक्ता एकत्रित हुए और उन्होंने जिला मुख्यालय के सामने गाजियाबाद हापुड़ रोड पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन करते हुए जिला जज को बर्खास्त करने एवं लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बता दे की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में अधिवक्ता हड़ताल पर है और प्रतिदिन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने भी सोमवार को अधिकांश जिलों में सड़कों पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया। सड़क जाम के दौरान लोगों को काफी परेशानी हुई।
हालांकि पुलिस ने नए बस अड्डे की तरफ से आने वाले वाहनों को हापुड़ तिराहे और गोविंदपुरम की तरफ से आने वाले वाहनों को हापुर चुंगी पर डायवर्ट कर दिया था। वकील 29 अक्टूबर को कोर्ट रूम लाठीचार्ज के मामले में जिला जज अनिल कुमार को बर्खास्त करने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को गाजियाबाद में बैठक के दौरान 22 जिलों में रोजाना हर जिले में एक सड़क जाम करने का निर्णय लिया था। गाजियाबाद के अधिवक्ता दिवाली के बाद अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं। गाजियाबाद में सड़क जाम कर धरने के दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं के साथ महिला अधिवक्ता भी शामिल रही। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उनकी मांगे माने जाने तक धन्ना प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी।
क्या है मामला: 29 अक्टूबर को एक जमानत अर्जी पर बहस को लेकर जज अनिल कुमार की कोर्ट में वकीलों के साथ हुई तीखी नोंकझोक के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया गया था। कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के बाद गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश और यहां तक की दिल्ली के अधिवक्ता भी आक्रोशित हो गए। मामले को बार काउंसिल आॅफ उत्तर प्रदेश के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी गंभीरता से लिया था। इस घटना के विरोध में वकील चार नवंबर से हड़ताल पर चले गए। गाजियाबाद के अधिवक्ताओं के समर्थन में पहले दिन पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं ने काम का बहिष्कार कर विरोध दिवस मनाया। विरोध दिवस में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बैंच और दिल्ली के जिला बार एसोसिएशन भी काम से विरत रहे। गाजियाबाद के वकील उसी दिन से हड़ताल कर धरने पर बैठे हैं।
धरना स्थल से दूर रही पुलिस, यातायात को नहीं आने दिया अधिवक्ताओं के पास
अधिवक्ताओं ने पहले से ही सोमवार को 2 घंटे के लिए 12 बजे से 2 तक सड़क जाम करके शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन की घोषणा कर रखी थी, जिसको पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए बड़ी संख्या में पुलिस का बंदोबस्त कर रखा था किंतु अधिवक्ताओं के धरने से दूर पुलिस बल तैनात रहा। वहीं पुलिस ने वकीलों के रोड जाम को देखते हुए यातायात को परिवर्तन करते हुए दूसरे मार्ग से निकला। इस दौरान शास्त्री नगर गोल चक्कर, आरडीसी राजनगर, पुराने बस अड्डे चौराहे के आसपास घंटो जाम की स्थिति बनी रही।
कलेक्ट्रेट स्थित पुलिस आॅफिस पर लगाया गया अतिरिक्त पुलिस बल
अधिवक्ताओं के सड़क पर जाम लगाने तथा धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस जहां अधिवक्ताओं से दूरी रखी वहीं कलेक्ट स्थित पुलिस आॅफिस पर अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया। ताकि किसी भी अनहोनी से निमटा जा सके।