बादशाही मार्ग (पाइप लाइन मार्ग) के चौड़ीकरण- नवीनीकरण की मांग
101 मोटरसाइकिलों से तय की गई 58 किमी की दूरी
विकास संघर्ष समिति की महापंचायत आज, लिया जायेगा आंदोलन तेज करने का निर्णय
अथाह संवाददाता
मुरादनगर/ लोनी। 18 किलो मीटर लंबे बादशाही मार्ग (पाइपलाइन रोड मुरादनगर से टीला मोड़) के चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण की मांग को लेकर चल रहे विकास संघर्ष समिति के आंदोलन के अंतर्गत जन जागरण अभियान के दूसरे चरण में 51 गांवों में मोटरसाइकिल रैली के माध्यम से जन जागरण किया गया। इससे पूर्व हवन भी किया गया।
गुरुवार को आयोजित मोटरसाइकिल रैली के शुभारंभ के अवसर पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन महाशय तेजपाल आर्य के द्वारा किया गया। इसके बाद टीला मोड़ से सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर मोटरसाइकिल रैली को पूर्व प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ समाजसेवी चंद्रशेखर आर्य (शकलपुरा) एवं कन्या गुरुकुल खेला जिला बागपत के संचालक देव मुनि महाराज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
विकास संघर्ष समिति के सचिव सलेक भइया एवं कोषाध्यक्ष दिनेश त्यागी के नेतृत्व में रैली का आयोजन किया गया। दोनों पदाधिकारी पहली मोटरसाइकिल पर एवं दूसरी मोटर साइकिल पर सहयोगी के रूप में युवा नेता रजत कसाना एवं पवन कसाना प्रधान (कोतवालपुर) थे।
मोटरसाइकिल रैली में शामिल 101 मोटरसाइकिल पर सवार ग्रामीणों, किसानों एवं युवाओं ने कोविड 19 एवं सौशल डिस्टेंस्ािंग के समस्त प्रावधानों एवं निदेर्शों का पालन करते हुए 58 किमी की दूरी तय कर 51 गांवों में जन जागरण अभियान चलाया। इसके साथ ही दूसरा चरण पूरा करते हुए दो अक्टूबर को होने वाली पूर्व प्रस्तावित ग्रामीण पंचायत जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी।
मोटरसाइकिलरैली के माध्यम से जन जागरण करते हुए सभी गांवों के लोगों से अपील की गई कि शिव धाम, पाइप लाइन रोड बहादुरपुर में आयोजित पंचायत में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो।
मोटरसाइकिल रैली में शामिल ग्रामीणो का अनेकों स्थानों पर स्वागत किया एवं उनकी होंसला अफजाई की गई। रैली का समापन एसआर धनकड़ स्टेडियम (हिंडन पुल के पास पाइपलाइन रोड) भनैड़ा में हुआ। विकास संघर्ष समिति से जुड़े लोग अब शुक्रवार को होने वाली पंचायत की तैयारियों में जुट गये हैं।
हाथों में तिरंगा लिए थे रैली में शामिल युवा
विकास संघर्ष समिति द्वारा आयोजित रैली में शामिल युवा हाथों में तिरंगे झंडे लेकर चल रहे थे। हाथों में तिरंगा होने से रैली की शान भी बढ़ गई। इसके साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगाये जा रहे थे।