- भाजपा समेत सभी दलों के प्रत्याशियों की बढ़ रही धड़कन, बढ़ेगा चुनाव का खर्च
- एक सप्ताह अधिक होगा अब चुनाव प्रचार, अब तक जी जान से लगे कार्यकर्ताओं में छाने लगी सुस्ती
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। राजनीतिक दलों के जो कार्यकर्ता एवं प्रत्याशी अब तक यह मानकर चल रहे थे कि अगले एक सप्ताह में चुनाव प्रचार समाप्त हो जायेगा और वे आराम कर सकेंगे उनकी सोच को अब ग्रहण लग गया है। भारत निर्वाचन आयोग के उत्तर प्रदेश के उप चुनावों के मतदान की तारीख को आगे बढ़ा देने से प्रत्याशियों के साथ ही कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रोड शो के भी आगे बढ़ने की संभावना बलवती हो रही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर उप चुनाव की तिथि 13 नवंबर भारत निर्वाचन आयोग ने घोषित की थी। लेकिन इसके विरोध में भाजपा, कांग्रेस, बसपा और रालोद ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने अथवा 20 नवंबर करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। इसके पीछे उनका तर्क था कि गंगा स्नान एवं छठ पर्व होने के कारण मतदान प्रतिशत कम रहेगा, यदि तिथि को आगे बढ़ाया जाता है तो मतदान प्रतिशत बढ़ सकेगा।
इसके बाद ही भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की सभी नौ सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान की तारीख में बदलाव कर इसे 13 से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया। हालांकि समाजवादी पार्टी को निर्वाचन आयोग का यह निर्णय सुहा नहीं रहा है।
अब तक सभी प्रत्याशी और राजनीतिक दल 13 नवंबर को मतदान के हिसाब से काम करे थे। उनका मानना था कि चुनाव जल्द होने से खर्च भी कम होगा। लेकिन मतदान की तारीख में बदलाव ने सभी को चिंतित कर दिया है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि एक तरफ जहां खर्च बढ़ेगा, वहीं दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं की मेहनत भी एक सप्ताह बढ़ जायेगी। प्रत्याशियों को सबसे अधिक चिंता खर्च को लेकर है। हालांकि राजनीतिक दलों को यह लाभ भी होगा कि छठ मानाने के लिए गाजियाबाद से बाहर गये लोग 15 नवंबर तक वापस भी लौट सकते हैं।
आगे बढ़ सकती है सीएम योगी के रोड शो की तारीख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गाजियाबाद में रोड शो आठ नवंबर को निर्धारित है। भाजपा सूत्रों के अनुसार 20 नवंबर को मतदान होने के कारण यह रोड बहुत जल्दी हो जायेगा। ऐसे में भाजपा का यह प्रयास है कि रोड शो की तारीख को संभव हो तो आगे बढ़ाया जाये। लेकिन मुख्यमंत्री योगी के महाराष्टÑ एवं झारखंड में जनसभाओं के कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित हो चुके हैं। ऐसे में तारीख में बदलाव एक बड़ी समस्या बन गई है। भाजपा के लोग चाहते हैं कि आठ नवंबर की तारीख 20 नवंबर के मतदान को देखते हुए बहुत जल्दी हो जायेगी। भाजपा प्रयास करेगी, लेकिन मुख्यमंत्री सचिवालय कैसे समय निकाल पायेगा यह देखना होगा।