डासना देवी मंदिर पर और यति नरसिंहानंद गिरी के मामले में विधायक नंद किशोर गुर्जर की इंट्री
सोमवार को डीएम से मिलेंगे हिंदू समाज के लोग, पूछेंगे कहां है यति नरसिंहानंद
मंदिर पर हमले में स्थानीय नहीं रोहिंग्या और बांग्लादेशी शामिल रहे
अथाह संवाददाता गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के विवादित बयानों के बाद देश के अनेक हिस्सों में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। इस मामले में भाजपा के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर की इंट्री भी हो गई। शनिवार को उन्होंने देवी मंदिर पहुंचने के बाद कहा कि डासना देवी मंदिर पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। डासना स्थित प्राचीन देवी मंदिर पर शुक्रवार की रात हुए हुए बवाल के बाद जहां पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है, वहीं सनातनियों का मंदिर पर आना और हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने के सिलसिला जारी है। शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर पर हुए कट्टरपंथियों के हमले को सनातन पर हमला बताते हुए पुलिस से उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मंदिर समिति ने भी पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करके मंदिर पर हमला करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा मेरठ, मुजफ्फरनगर से भी प्रतिनिधि मंडल मंदिर पहुंचे। हिन्दूवादी नेताओं ने पुलिस की ओर से कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने पर मंदिर पर महापंचायत का ऐलान किया है। शनिवार को डासना स्थित प्राचीन देवी मंदिर पहुंचे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मंदिर पर हमले के दौरान की गई पुलिस कार्रवाई को बेहद हल्का बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने र्ध्म विशेष के कट्टरपंथियों को बचाने के लिए केवल हल्की लाठियां भांजी थी जबकि यह सनातन पर हमला है और इस तरह का हमला सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महंत जी ने जो कुछ भी कहा वह देश में हो रही बेटियों की हत्याओं और बांग्लादेश में हुए हिन्दुओं के नरसंहार के आवेश में कहा था, जिसके संबंध में एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन, मंदिर पर कट्टरपंथियों का हमला बेहद गंभीर विषय है। इस हमले में रोहिंग्या और बांग्लादेशी इस्लामिक कट्टरपंथी शामिल हैं, जो देश में दंगे फैलाना चाहते हैं और देश को सौहार्द को खत्म करना चाहते हैं। गुर्जर ने कहा स्थानीय मुसलमान तो राम को मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है। मंदिर पर हमला करने वालों पर पुलिस को गोली चलानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह मंदिर महाभारत काल के समय का है, यहां पांडवों और भगवान परशुराम ने भी मां की पूजा की थी। इस मंदिर पर हुए हमले को सनातन पर हमला माना जाए। भारत संविधान से चलेगा न कि कट्टरपंथियों की सोच से। उन्होंने पूछा क्या कभी हिन्दुओं ने किसी मस्जिद पर पथराव किया, किसी मस्जिद पर हमला किया। यह कट्टरपंथी सोच भारत में नहीं चलेगी। वहीं, शनिवार को मंदिर समिति ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर मंदिर पर हमला करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायती पत्र दिया। मंदिर समिति के सदस्यों का कहना था कि कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एफआईआर दर्ज कराने गए लोगो में मुख्यरूप से डा. उदिता त्यागी, चहल सिंह बालयान, पूजा त्यागी, आहूजा, अक्षय त्यागी, मोहित बजरंगी, नीरज त्यागी, रिपन नागर, सुमित गुर्जर, विवेक गुर्जर, लकी गुर्जर, संदीप यादव, विनय हिन्दू, संजय बहेडी, पुनीत गुर्जर, सचिन गुर्जर आदि मौजूद रहे।