- रबी-2024 फसल सत्र के दृष्टिगत बोआई से पहले, समय व कटाई से पहले किसानों से संवाद भी स्थापित करेंगे वैज्ञानिक
- उप्र के सभी 89 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को नई तकनीक का देंगे प्रशिक्षण, अक्टूबर में आयोजित की जाएंगी रबी गोष्ठियां
- चार अक्टूबर को केवीके, राज्य कृषि विश्वविद्यालय व विभागीय अधिकारियों के साथ विशेष कार्यक्रम को लेकर होगी तैयारी बैठक
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार का जोर किसानों की आय में वृद्धि करने का है। उत्तर प्रदेश में 89 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) हैं। हर केंद्र द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के दो-दो गांवों को गोद लिया जाएगा। केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को रबी फसल सत्र 2024-25 को लेकरक नई-नई तकनीकों से अवगत भी कराएंगे। गौरतलब है कि योगी सरकार द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों को न्यूनतम 10 हेक्टेयर भूमि तकनीकी प्रदर्शन व बीज उत्पादन के लिए नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है।
किसानों को नई तकनीक के बारे में दिया जाएगा प्रशिक्षण
कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने, उनके उपयोग के लिए क्षमता संवर्धन और प्रशिक्षण करते हुए प्रगतिशील किसानों को कृषि प्रसार से जोड़ने पर विभाग का जोर है। कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से प्रगतिशील किसानों के अनुभवों के जरिए अन्य किसानों को भी नई तकनीक से लाभान्वित किया जाएगा। किसानों को कृषि अनुसंधान में हो रहे नवाचार, नई तकनीकी पद्धतियों से जानकारी और रोजगार से जुड़े व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे।
उच्च स्तर की उत्पादकता के लिए बीज उत्पादन पर जोर
दलहन (चना, मटर, मसूर आदि) और तिलहन (सरसो, अलसी आदि) के प्रदर्शन पर भी जोर रहेगा। किसान उच्च स्तर की उत्पादकता पर जोर दें, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र मिलेट्स, खाद्यान्न फसलों व औद्यानिक फसलों के बीज उत्पादन व नर्सरी उत्पादन का कार्य भी करेंगे।
किसानों से संवाद भी स्थापित करेंगे कृषि विज्ञान केंद्र
रबी सत्र में फसलों की बोआई से पहले, बोआई के समय और कटाई से पहले किसानों के अध्ययन भ्रमण, गोष्ठी व कृषक वैज्ञानिकों से संवाद होंगे। कृषि मेलों व गांवों में कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। केवीके गांवों में कृषि, पशुपालन व उद्यान की गतिविधियों व कृषि आधारित उद्यमों के संबंध में तैयार तकनीकी साहित्य से भी किसानों को अवगत कराएंगे।
एफपीओ को भी मजबूत बनाने पर केंद्रों का रहेगा जोर
केंद्र की तरफ से कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के व्यावसायिक गतिविधियों को गति देते हुए फसल विशेष को बढ़ावा दिया जाएगा। इसका उद्देश्य संगठन को भी आर्थिक रूप से समृद्ध करना है। केंद्रों का आॅन फॉर्म डिमांसट्रेशन, पैकेज आॅफ प्रैक्टिसेज, वैल्यू एडिशन, एफपीओ, प्राकृतिक खेती, आईपीएम, मृदा परीक्षण व उर्वरकों के संतुलित प्रयोग आदि से जुड़े कार्यों पर भी जोर रहेगा।
अक्टूबर में आयोजित होंगी रबी गोष्ठियां
कृषि विज्ञान केंद्रों की तरफ से अक्टूबर में होने वाली रबी गोष्ठियों में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की तरफ से विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। विशेष कार्यक्रम को लेकर कृषि विज्ञान केंद्रों के अध्यक्ष, राज्य विश्वविद्यालय व कृषि विभाग के अधिकारियों संग चार अक्टूबर की शाम तैयारी को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी होगी।