- शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी करेंगे मिशन शक्ति के अगले चरण की शुरूआत, धूमधाम से होगा शुभारंभ
- महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर कई और योजनाओं और पहलों की घोषणा कर सकते हैं सीएम योगी
- योजना के क्रियान्वयन को लेकर गृह विभाग समेत 12 विभागों को दी गई है जिम्मेदारी
- 2020 में सीएम योगी ने की थी मिशन शक्ति की शुरूआत, चार चरण में महिलाओं को सशक्त करने के लिए किए गए हैं कई प्रयास
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सुनिश्चित कर रही योगी सरकार ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरूआत करने जा रही है। शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी स्वयं पांचवें चरण की शुरूआत करेंगे। इस दौरान सीएम महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर कई नई योजनाओं का भी ऐलान कर सकते हैं। इसके लिए गृह विभाग के साथ 12 विभागों को जिम्मेदारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने 17 अक्टूबर, 2020 को प्रदेश में मिशन शक्ति की शुरूआत की थी। इसके बाद 26 फरवरी, 2021 को दूसरा चरण, 21 अगस्त, 2021 को तीसरा चरण और 14 अक्टूबर, 2022 को चौथा चरण शुरू किया गया था।
जिलों में भी होंगे कार्यक्रम
लखनऊ में सीएम योगी मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ करेंगे। पांचवें चरण के शुभारंभ कार्यक्रम में जिलों में मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी बनाए गए पुलिस अधिकारी आॅनलाइन जुड़ेंगे। इस दिन लखनऊ के साथ ही प्रदेश के सभी कमिश्नरेट और जिलों में महिला सशक्तिकरण रैली निकाली जाएगी। इसके साथ ही सीएम योगी महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे।
विमेंस फेस्ट के साथ हेल्थ हेल्पलाइन की शुरूआत
लखनऊ में 1090 चौराहे पर विमेंस फेस्ट का आयोजन किया जाएगा। इसमें महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) द्वारा तैयार प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी और स्टॉल लगाए जाएंगे। महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने और एंटरप्रेन्योरशिप के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी होंगे। महिलाओं के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक समर्पित स्वास्थ्य हेल्पलाइन- ‘महिला स्वास्थ्य लाइन’ को भी जल्द लांच किया जाएगा। यह वीमेन पावर लाइन 1090 की तर्ज पर होगी, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं को सुलभ स्वास्थ्य सेवा सहायता प्रदान करना है, जिन्हें अक्सर सामाजिक दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ टेली-परामर्श की सुविधा दी जाएगी, जिसके तहत महिलाओं (ग्रामीण महिलाओं) को दूर के अस्पतालों या क्लीनिकों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा।