नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण व दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयानों पर नाराजगी जताई। उन्होंने राहुल गांधी से तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने और देश के दलित समाज से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक राजनीतिक नेता होने के नाते सरकार की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन देश की आलोचना करना स्वीकार्य नहीं है।
इस मौके पर असीम अरुण ने कांग्रेस की आरक्षण विरोधी सोच का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नया नहीं है। वर्ष 1956 में काका कालेकर की रिपोर्ट का भी विरोध किया था और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने इस रिपोर्ट को खारिज किया और 1961 को सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरक्षण ना लागू करने की बात कही थी। इसके अलावा राजीव गांधी ने 1985 में कहा था कि आरक्षण से इडियट्स को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने 1990 में मंडल आयोग का विरोध किया और मुस्लिम आरक्षण को बढ़ावा दिया गया। जबकि भीम राव अम्बेडकर ने स्पष्ट कहा था कि जाति के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने धारा 370 लागू करके जम्मू कश्मीर के लोगों को आरक्षण से वंचित रखा। वहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाकर आरक्षण को बढ़ावा दिया है और मोदी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आरक्षण को सशक्त किया है। उन्होंने कांग्रेस के अतीत के बयानों को याद करते हुए कहा कि उसने समय-समय पर आरक्षण के खिलाफ विचार व्यक्त किए हैं।