- जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल ने रखी मांग
- मंडलायुक्त और जीडीए उपाध्यक्ष ने जताई सहमति: गोयल
- नामांतरण कार्यवाही में जीडीए बोर्ड सदस्य ने लगाये भ्रष्टाचार के आरोप
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोड बैठक में बोर्ड सदस्य पवन गोयल ने एक तरफ जहां पत्रकारों को रियायती दरों पर आवासीय भूखंड का मुद्दा उठाया, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने नामांतरण कार्यवाही में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
मेरठ में मंडलायुक्त और जीडीए अध्यक्ष सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में जीडीए बोर्ड के नामित सदस्य पवन गोयल ने लिखित प्रस्ताव देकर कहा कि शहर पत्रकार सरकार व प्रशासन की आंख, नाक व कान होते हैं। शहर में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को अपनी कर्मठता के साथ समय पर प्रशासन को अवगत करा कर उसे रोकने में अहम भूमिका अदा करते हैं। अत: पत्रकार सदैव एक प्रहरी के रूप में कार्य करता है जब पूरा शहर सो रहा होता है तो पत्रकार जाग कर प्रहरी के रूप में शहर में घटित होने वाली अप्रिय घटनाओं पर नजर रखता है और सही समय पर प्रशासन को अवगत कराते हुए घटनाओं को रोकने का भरसक प्रयास करता है, उनके इस महत्वपूर्ण कार्य व कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए सरकार व प्राधिकरण को उन्हें आवासीय योजनाओं के भूखंडो के आवंटन को रियायती दरों पर किए जाने की आवश्यकता है
पवन गोयल ने बताया कि इस प्रस्ताव पर मंडलायुक्त एवं जीडीए उपाध्यक्ष ने सहमति जताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर विचार कर पत्रकारों को आवासीय भूखंड दिये जायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्राधिकरण की अपनी आवासीय योजनाओं के भूखंडों के नामांतरण प्रक्रिया में अनावश्यक रूप से स्थल पर निर्माण का परीक्षण कराये जाने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि प्राधिकरण के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा भवन/ भूखंड स्वामियों से परीक्षण रिपोर्ट लगाने के एवज में रकम मांगी जाती है पैसा न देने पर गलत रिपोर्ट दे दी जाती है जिससे नामांतरण की प्रक्रिया रुक जाती है।
जीडीए बोर्ड सदस्य ने कहा भवन/ भूखंड का नामांतरण किया जाना व स्थल पर अनाधिकृत निर्माण होना दोनों पृथक पृथक बातें हैं अधिकारियों/ कर्मचारियों का कार्य किसी भी अनाधिकृत विकास को समय पर रोकना है जिसकी संपूर्ण जिÞम्मेदारी उनकी बनती है स्थल पर निर्माण होने के उपरांत यदि आवेदक द्वारा अपने पुत्र को भवन/भूखंड का आधा भाग दिया जाता है तो पुत्र के नाम से म्यूटेशन के समय अनधिकृत निर्माण का परीक्षण किया जाना न्याय संगत नहीं है। उन्होंने मांग की कि नामांतरण प्रक्रिया में अवैध निर्माण के परीक्षण को तत्काल रोकें ताकि इस प्रक्रिया को में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोका जा सके,के लिए संबंधित को निर्देश दें। बकौल गोयल इस मामले में मंडलायुक्त ने जीडीए उपाध्यक्ष को पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिये हैं।