- कांवड़ यात्रा 2024 छोड़ गई खट्टे मीठे अनुभव
- पूरी कांवड़ यात्रा में नहीं दिखा पुलिस का प्रशासन से कोई तालमेल
- शिवरात्रि के दिन खराब व्यवस्था के चलते मंदिर तक नहीं पहुंच सके शिवभक्त
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा 2024 संपन्न हो गई। इसके साथ ही यह कांवड़ यात्रा अनेक खट्टे मीठे अनुभव भी छोड़ गई। कहीं पर पुलिस की व्यवस्था सराहनीय रही, तो कहीं पर हालत यह रही कि पुलिसिया सख्ती के कारण शिव भक्त दूधेश्वर नाथ मंदिर तक भी नहीं पहुंच सके। खासकर लाइनपार क्षेत्र के लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कांवड़ यात्रा का पूरे देश में एक पर्व के रूप में रहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा 15 दिन चलती है, वहीं मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूरे सावन के महीने में कांवड़ यात्रा चलती है। गाजियाबाद जिले की बात करें तो यहां पर मात्र 15 दिन ही कांवड़ चलती है। इस बार पुलिस ने जहां सड़कों पर व्यवस्था संभाली हुई थी, वहीं दूसरी तरफ मंदिरों की व्यवस्था के साथ ही सफाई, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं प्रशासन के जिम्मे थी। इसमें नगर निगम एवं नगर पालिकाएं भी शामिल है।
सड़क पर पुलिस की भूमिका सराहनीय रही
यदि कांवड़ मार्ग की बात करें तो पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। हर कट पर तैनात पुलिसकर्मी के कारण कांवड़िये कम संख्या में कांवड़ मार्ग को छोड़कर दूसरी सड़क पर चल पाये। जहां कहीं कांवड़िये कांवड़ मार्ग को छोड़कर दूसरी तरफ जाते तो पुलिसकर्मी कहीं प्यार से तो कहीं सामने अड़ कर उन्हें वापस कांवड़ मार्ग पर भेज देते। इससे अन्य वाहन चालक परेशानी से बच गये। अन्यथा यह होता रहा है कि कांवड़िये और खासकर डाक कांवड़ वाले दूसरी सड़क भी घेर लेते थे जिस कारण आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी। इसके साथ ही दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे पर भी अन्य वर्षों के मुकाबले यातायात बहुत हद तक सामान्य रहा। बावजूद इसके लोग पूर्व में अपर पुलिस आयुक्त यातायात रहे रामानंद कुशवाहा को याद करते रहे।
दूधेश्वर नाथ मंदिर पर की गई व्यवस्थाओं ने लाइनपार वालों के रोक दिये कदम
शिवरात्रि पर्व पर इस बार दूधेश्वर नाथ मंदिर आने वाले भक्तों को पुलिसिया सख्ती के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ी। स्थिति यह रही कि मंदिर जाने वाले भक्त किसी भी रास्ते से आ रहे हो उन्हें जिला अस्पताल के सामने से ही कतार में लगना पड़ रहा था। इस व्यवस्था के कारण सबसे अधिक परेशानी लाइनपार से आने वालों को हुई। वे सराय नजर अली होकर पहले जिला अस्पताल पहुंचते इसके बाद मंदिर आ रहे थे। इस कारण लोगों में पुलिस व्यवस्था के प्रति रोष भी था। जबकि हर बार लाइनपार वाले सीधे गऊशाला अंडर ब्रिज से होकर मंदिर पहुंच जाते थे। इसी कारण शुक्रवार को शिवरात्रि होने के बावजूद मंदिर पर भीड़ कम थी।
नगर निगम के वाहनों को कूड़ा उठाने में हुई परेशानी
पुलिसिया व्यवस्था के कारण गाजियाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियोंं को परेशानी हुई। पुलिस कूड़ा उठाने वाले वाहनों को कांवड़ मार्ग पर नहीं जाने दे रही थी। इस कारण सफाई कर्मचारियों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
अंतिम तीन दिन मोदीनगर में पेयजल के वाहन भी रोके गये
कांवड़ यात्रा के अंतिम तीन दिन मोदीनगर नगर पालिका को भी परेशानी उठानी पड़ी। गर्मी के कारण कांवड़ियों की पेयजल की मांग बढ़ गई, लेकिन पुलिस ने पानी लेकर जाने वाले नगर पालिका के वाहनों को रोक दिया। चेयरमैन विनोद जाटव वैशाली ने बताया कि दोपहर बाद कुछ समय के लिए पेयजल आपूर्ति की इजाजत दी जाती थी।
नहीं दिखा पुलिस- प्रशासन का तालमेल
पुलिसिया रवैये के कारण पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस का प्रशासन से तालमेल नजर नहीं आया। दोनों विभाग अलग अलग चलते रहे। इससे पहले एसडीएम और एडीएम भी व्यवस्था बनाने में पुलिस के साथ खड़े दिखते थे। ऐसा लगा जैसे पुलिस को प्रशासन की आवश्यकता ही नहीं थी। बावजूद इसके डीएम, नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारी लगातार कांवड़ मार्ग पर सक्रिय रहे।