Dainik Athah

बापू भी चाहते थे कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले: केसी त्यागी

  • हिंदी मात्र भाषा नहीं, भारत की आत्मा है: आरके सिन्हा

    अथाह ब्यूरो
    नई दिल्ली।
    भाजपा के संस्थापक सदस्य, अवसर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष, पूर्व सांसद डा. आरके सिन्हा ने कहा कि हिंदी मात्र एक भाषा नहीं बल्कि भारत की आत्मा है। डा. सिन्हा गुरुवार को यहां एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में विकसित भारत अभियान के तहत विश्व हिंदी परिषद के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
    उन्होंने कहा कि आज हिंदी सर्वग्राही भाषा बन चुकी है। हिंदी भाषा की बेहतरी के लिए उसे सियासत के मकड़जाल से निकालना होगा। दुखद की हिंदी को अब तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है। इस दिशा में पहल किये जाने की जरूरत है। हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है।
    इस अवसर पर जनता दल यू के राष्ट्रीय सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बापू भी चाहते थे कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। केंद्रीय पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि एक भी सांसद ऐसा नहीं है जो अंग्रेजी में वोट मांगता हो, लेकिन संसद में घुसते ही उनकी जुबान पर अंग्रेजी हावी हो जाती है। सबसे लोकप्रिय भाषा के उपेक्षित होने का यही बड़ा कारण है।
    सम्मेलन को पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष यदगड़ा लक्ष्मी प्रसाद, महासचिव विपिन कुमार ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता हरियाणा के राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगिड़ ने की। उन्होंने कहा कि भाषा का विज्ञान सिर्फ संस्कृत और हिंदी के पास है, और कहीं नहीं। इस अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।

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