- उत्तर प्रदेश को लेकर केंद्रीय नेतृत्व- प्रधानमंत्री गंभीर सख्त
- प्रदेश अध्यक्ष- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को नसीहत
- प्रदेश अध्यक्ष से लोकसभा चुनाव में हार के कारण पूछे
- दोनों से उप चुनावों पर फोकस करने को कहा गया
- प्रधानमंत्री से भी मिले भूपेंद्र सिंह चौधरी
अशोक ओझा
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम न आने के बाद जिस प्रकार संगठन और सरकार में सिर फुटोव्वल की स्थिति उत्पन्न हुई है उसे भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इसके साथ ही नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार और संगठन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा। इतना ही नहीं दिल्ली बुलाकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को नसीहत दी गई है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। सपा- कांग्रेस का इंडिया गठबंधन भाजपा को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया। इसके बाद से ही संगठन और सरकार के बीच तनातनी के हालात से थे, लेकिन भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक एवं बैठक के बाद यह मुद्दा सार्वजनिक हो गया। कार्यसमिति से पहले जहां हारे हुए नेताओं ने अफसरशाही पर आरोप लगाये तो, किसी ने संगठन को जमकर कोसा और कार्यकर्ताओं को तव्वजो न देने का मुद्दा उठाया। बता दें कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो कैबिनेट की बैठकों में भी नहीं जा रहे हैं जिस कारण विपक्ष को हमला करने का मौका मिल रहा है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने जो बयान दिया कि संगठन, सरकार से ऊपर है इसके बाद टकराव का मुद्दा सार्वजनिक हो गया। इसी बीच भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली तलब किया। मंगलवार को दोनों से उन्होंने लंबी बात की। इस दौरान दोनों ने ही जहां अपनी पीड़ा बताई, वहीं दूसरी तरफ सरकार को लेकर शिकायत भी की। इसके बाद ही यह चर्चा शुरू हो गई कि मौर्य प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं।
भाजपा सूत्रों की मानें तो भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों के बीच उत्तर प्रदेश की स्थिति पर लंबी चर्चा हुई। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ने चौधरी और मौर्या को यह संदेश देते हुए लखनऊ रवाना कर दिया कि सरकार और संगठन के नेतृत्व में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इतना ही नहीं दोनों से संगठन और सरकार के बीच मतभेदों की खबरों पर विराम लगाने के निर्देश भी दिये गये। केंद्रीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई कहता है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बदले जायेंगे तो वह मिथ्या है। सूत्र यह भी बताते हैं कि मौर्य से कैबिनेट बैठकों में भाग लेने के भी स्पष्ट निर्देश दिये गये, जिससे यह संदेश कहीं भी न जायें कि किसी प्रकार का टकराव है। इतना ही नहीं नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं के सम्मान का भी स्पष्ट निर्देश दिये।