अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। एनसीआरटीसी प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने मेरठ साउथ स्टेशन से लेकर सराय काले खां स्टेशन दिल्ली तक आरआरटीएस कॉरिडोर का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ एनसीआरटीसी के निदेशक और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस निरीक्षण की शुरूआत मेरठ साउथ स्टेशन से हुई। मेरठ साउथ स्टेशन बनकर तैयार हो चुका है और जल्द ही यहां नमो भारत ट्रेनों का संचालन आरंभ होगा। उन्होनें स्टेशन के संचालित किए जाने की तैयारियों को बारीकी से परखते हुए पार्किंग का भी जायजा लिया। इसी स्टेशन से मेरठ मेट्रो की शुरूआत होगी, जो मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक मेरठ वासियों के जीवन को आरामदायक बनाएगी, जिसके लिए इस स्टेशन में तीन प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जिनमें से दो प्लेट फॉर्म नमो भारत ट्रेनों के लिए और एक प्लेटफॉर्म मेरठ मेट्रो के लिए होगा। मोदीनगर नॉर्थ स्टेशन से आगे मेरठ साउथ तक आठ किमी का खंड है, जिसे जल्द जनता के लिए खोला जाएगा, जिसके बाद मेरठ निवासी कुछ ही मिनटों में मेरठ साउथ से गाजियाबाद पहुंच सकेंगे। वर्तमान में मोदीनगर नॉर्थ से मेरठ साउथ स्टेशन के बीच नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन जारी है।
इसके बाद उन्होंने आरआरटीएस के संचालित खंड मोदीनगर नॉर्थ से साहिबाबाद तक कॉरिडोर का जायजा लिया और नमो भारत ट्रेन में यात्रा की। इस गहन निरीक्षण के दौरान उन्होनें स्टेशन कंट्रोलर, ट्रेन आॅपरेटर और अन्य आॅपरेशन स्टाफ से भी मुलाकात की और उनके दैनिक क्रियाकलापों में आने वाली परेशानियों को समझा। वहीं संचालित खंड में नमो भारत ट्रेनों के सफल आॅपरेशन की गतिविधियों के बारे में जानते हुए उन्होनें यात्रियों के साथ यात्री केन्द्रित सुविधा और सुरक्षा जैसे पुश बटन, पीएसडी और इनसाइड स्ट्रेचर स्पेस और ट्रेन की तीव्र रफ्तार का अनुभव किया। इसके साथ ही स्टेशनों की स्वच्छता की सराहना करते हुए उन्होनें अधिकारियों से कहा कि हमें स्वच्छता के स्तर को दिनों दिन बेहतर से बेहतर बनाने के लिए कदम उठाते रहना चाहिए।
वर्तमान में साहिबाबाद से मोदीनगर नॉर्थ तक 34 किमी के सेक्शन में आठ स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेनों का संचालन जारी है। मोदीनगर नॉर्थ से आगे मेरठ साउथ तक नमो भारत सेवाएं शुरू होने के बाद आरआरटीएस के परिचालित सेक्शन की लंबाई 42 किमी हो जाएगी।
इसके बाद उन्होनें दिल्ली सेक्शन के निमार्णाधीन न्यू अशोक नगर और सराय काले खां एलिवेटेड स्टेशनों के जटिल निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस बीच उन्होनें कॉरिडोर के तेजी से किए जा रहे निर्माण कार्यों में जुटे अधिकारियों के सामने आने वाली जटिलताओं के बारे में समझा और उन्हें प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों के संबंध में सुरक्षा और सेफ़्टी के मानदंडों का सख्ती से पालन करते रहने के भी निर्देश दिए।
दिल्ली में आरआरटीएस कॉरिडोर कि लंबाई 14 किमी है, जिसमें से 9 किमी का हिस्सा एलिवेटेड और 5 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड है। अंडरग्राउंड सेक्शन में आनंद विहार स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। दिल्ली सेक्शन में वायडक्ट निर्माण पूर्ण हो चुका है और तीनों निमार्णाधीन स्टेशनों का निर्माण अंतिम पड़ाव में पहुँच चुका है। इन तीनों स्टेशनों को परिवहन के अन्य साधनों के साथ भी जोड़ने कि गतिविधियां तेजी पर हैं।
उन्होनें कहा कि देश के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर के विकास में बढ़ोतरी होगी और यहां रहने वाले लोगों के लिए हाई स्पीड सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था तैयार होगी, जिसमें एनसीआरटीसी के कर्मियों की अहम भूमिका होगी।