- विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर महाकुंभ: मुख्यमंत्री
- प्रयागराज महाकुंभ के लिए पूरी दुनिया मे उत्सुकता: मुख्यमंत्री
- न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत के ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा प्रयागराज महाकुंभ: मुख्यमंत्री
- 2019 में 3200 हेक्टेयर में फैला था मेलाक्षेत्र, इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में होगा विस्तार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी प्रयागराज महाकुंभ को स्वच्छता, सुविधा और सुरक्षा का मानक आयोजन बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत के ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा। हमें इसके सफल आयोजन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा। महाकुंभ के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागों के साथ मुख्यमंत्री ने सोमवार को बैठक कर अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास तथा कुंभ मेलाधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने अब तक की तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
बैठक में मुख्यमंत्री निर्देश दिये कि 12 वर्षों के अंतराल पर आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर महाकुंभ का पावन अवसर आने वाला है। मानवता की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने को पूरी दुनिया उत्सुक है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हम सबने वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर एक मानक स्थापित किया है। इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं। आम जन की आस्था, अपेक्षा और आकांक्षा का ध्यान रखते हुए महाकुंभ की गरिमा और महत्ता के अनुरूप आयोजन होना चाहिए। एक बार पुन: हमें बेहतर टीमवर्क के साथ कार्य करके दिखाना होगा।
13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ मेला प्रस्तावित है। संतगणों, स्नानार्थियों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों आदि की सुविधा के दृष्टिगत वर्ष 2019 के सापेक्ष महाकुंभ 2025 विशाल परिसर में आयोजित होगा। पिछली बार जहां 3200 हेक्टेयर में मेला फैला था, इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में इसका विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में पार्किंग, पांटून पुल की संख्या, घाटों की संख्या, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की संख्या को आवश्यकतानुसार और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए।
13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक के 45 दिवसों के भीतर पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख स्नान तिथियां होंगी। महाकुंभ में दैनिक श्रद्धालुओं/पर्यटकों के अतिरिक्त कल्पवासियों की उपस्थिति भी होगी। उनकी सुरक्षा, सुविधा और आवश्यकताओं के अनुरूप यथोचित व्यवस्था की जाए।
कुशल प्रबंधन में ट्रैफिक और पार्किंग महत्वपूर्ण विषय है। मेलाक्षेत्र और प्रयागराज नगर में इन दोनों पर बेहतर कार्ययोजना बनाएं। प्रयास हो कि मेलाक्षेत्र में कोई भी पार्किंग संगम से 05 किमी से अधिक दूर न हो।
प्रयागराज में 07 रिवर फ्रंट रोड, 14 आरओबी और 07 पुराने घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। 06 लेन सेतु का निर्माण भी जारी है। यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। जिन विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है, वह इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें, गुणवत्ता की परख करें और समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा कराएं।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान सतत जारी रखें। सड़कों का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य समय से पूरा कराया जाए। रोड साइड फसाड डेवलपमेंट का कार्य सितम्बर तक पूरा करा लिया जाए।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के संभावित आगमन के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिए। इनकी नियमित सफाई हो, इसके लिए 10 हजार से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। कर्मचारियों के मानदेय का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए। मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात होने चाहिए।
प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजनौर से बलिया तक के पूरे प्रवाह क्षेत्र में गंगा जी में कहीं भी गंदगी न हो। एक भी नाला/सीवेज गंगा जी में न गिरे। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ सभी संबंधित जिले में गंगा स्वच्छ समिति एक्टिव करें। गांवों से कूड़ा नदी में न डाला जाए। ड्रेनेज गंगा जी में न गिरें। मृत जानवरों का जल प्रवाह न किया जाए। अक्षयवट, सरस्वती कूप, पातालपुरी कॉरीडोर का कार्य तेजी से पूरा कराया जाए। सेना से अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है। उनसे सतत समन्वय बनाये रखें। नागवासुकि मंदिर, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर मंदिर, द्वादशमाधव मंदिर और अलोपशंकरी मन्दिर में पर्यटन विभाग द्वारा जारी कार्य समय से पूरे कर लिए जाएं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की। महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु/पर्यटक के साथ पुलिसकर्मियों के व्यवहार मधुर और मर्यादित हो। लोगों का सहयोग करें। फोर्स की तैनाती से पहले उनकी काउंसिलिंग की जानी चाहिये। पुलिस को 24़7 एक्टिव रहना होगा। मेले के दौरान भीड़ प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। इसकी बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। अक आधारित भीड़ की निगरानी, भीड़ घनत्व का विश्लेषण, घटना की रिपोर्टिंग, कॉल सेंटर, खोया पाया केंद्र, फायरसेफ्टी, सीसीटीवी कैमरे, जल पुलिस की तैनाती आदि की समुचित व्यवस्था की जाए। जहां अतिरिक मैनपॉवर की आवश्यकता हो, प्रबंधन करें। सुरक्षा के सभी मानकों पर पुख्ता प्रबंध होने चाहिए।