Dainik Athah

बिना रखरखाव के बदहाल होते पार्कों की सुधरेगी सेहत

  • शासन ने पार्कों को गोद देने के जारी किए दिशा निर्देश
  • प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिला अधिकारियों, नगर आयुक्त व पालिका अध्यक्षों को लिखा पत्र

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। जिले सहित प्रदेश में नगरीय निकायों के स्वामित्व वाले अव्यवस्थित पार्कों की बिना अनुरक्षण एवं रखरखाव के बदहाल होती हालत को दुरुस्त करने के लिए शासन ने एक नई पहल शुरू की है। प्रदेश के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों, पालिका परिषद व नगर पंचायत को पत्र लिखकर ऐसे पार्कों की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी दी है जो बिना देख रेख रख रखाव के बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। शासन ने ऐसे पार्कों को निजी हाथों संस्थाओं को अंगीकृत (गोद) देने का सुझाव दिया है। इसके लिए शासन ने दिशा निर्देश भी जारी किए है।

शासन द्वारा जारी गाइडलाइन में प्रमुख सचिव ने कहा है कि पार्कों का अनुरक्षण एवं रखरखाव की कमी के कारण पार्क अपने मूल उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।। जिसके फलस्वरूप मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन की दृष्टिगत नगरों में तापमान के बेतहासा वृद्धि वायु गुणवत्ता की कमी उत्पन्न हो रही है। जिससे आम नागरिकों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। दिए गए दिशा निदेर्शों में नगरीय निकायों के स्वामित्व वाले पार्कों के नियमित अनुरक्षण एवं निरंतर रखरखाव से नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य बच्चों के लिए क्रीड़ास्थल नगरीय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने के साथ-साथ जन सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पार्कों को विकसित एवं रखरखाव हेतु अंगीकृत किया जाना नितांत आवश्यक है।

पार्कों को संस्थाओं व निजी हाथों में दिए जाने का मुख्य उद्देश्य नगर वासियों के स्वच्छ सुरक्षित और आनंददायक वातावरण के अवसर प्रदान करना है साथ ही नगरीय निकायों द्वारा स्वामित्व और संचालित पार्कों को बेहतर बनाने का लक्ष्य है। इस दिशा निर्देश से पार्कों का उच्च स्तरीय सौंदर्यीकरण एवं रख रखाव होने के साथ-साथ पार्कों में हरियाली आधुनिक सुविधाओं का निर्माण और स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्यों की पूर्ति होगी। इसके अलावा वायु प्रदूषण को कम करने और आमजन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पार्कों में पेड़ों और बागवानी को बढ़ावा मिलेगा। जारी दिशा निर्देश में नगरीय निकायों के स्वामित्व वाले पार्कों के रखरखाव के तहत पार्क को उच्चीकरण करने के पश्चात उनका एक निश्चित समय अवधि तक रखरखाव करना होगा। जो पार्क नगरीय निकायों द्वारा विकसित किए जा चुके हैं उन पार्को का रख रखाव एजेंसी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जाएगा। इसके तहत स्थापना एवं रखरखाव एजेंसी द्वारा पार्कों में कलाकृति स्थापना जैसी विशेषताएं सार्वजनिक सुविधा वाटर एटीएम पार्क फर्नीचर झूले कूड़ेदान इत्यादि निर्धारित मानकों के अनुसार स्थापित कर उनका रखरखाव किया जा सकेगा।
चार प्रकार के पार्कों को ही संस्था द्वारा किया जा सकेगा अंगीकृत: कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत गठित किसी कारपोरेट बॉडी संस्था को,, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1880 के अंतर्गत संस्था को, राज्य सरकार भारत सरकार द्वारा गठित किसी सार्वजनिक संस्था अंडरटेकिंग बोर्ड इत्यादि को भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत गठित किसी ट्रस्ट संस्था को सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत गठित आरडब्ल्यूए को एजेंसी को को ही पार्क अंगीकृत के लिए दिए जा सकेंगे। एजेंसी को पार्क हस्तांतरित करने या उसका स्वरूप बदलने का अधिकार नहीं होगा ।

पार्क का स्वामित्व अधिकार नगरीय निकाय के पास रहेगा। संस्था द्वारा पार्क को गोद दिए जाने की भूमि पर स्वामित्व नगरीय निकाय का ही रहेगा तथा संस्था द्वारा उसकी प्रकृति में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाएगा। पार्क की भूमि को किसी बैंक में गिरवी रखना या हस्तांतरित करना या लीज पर देना प्रतिबंधित रहेगा। पार्क के अंदर आॅक्सीजन को बढ़ावा देने वाले पेड़ बच्चों को ज्ञान वर्धन करने वाले कार्य अस्थाई योग स्थल तथा बच्चों से संबंधित कार्य ही पार्क में कराने की अनुमति होगी। पार्क में फलों एवं फूलों के पेड़ों को लगाया जाना,, पेड़ पौधे लताओं फूलों एवं फलों से संबंधित पेड़ को आकर्षक बनाए जाने, पेड़ पौधों लताओं फल फूलों के नाम और उनका संक्षिप्त विवरण तथा सिंचाई के कार्यों पर ध्यान देना होगा पार्क की बाउंड्री की साफ सफाई पेंटिंग पार्क के अंदर पेड़ रोड का रखरखाव उनकी सिंचाई करना और पेड़ फलों एवं फूलों की पत्तियों को खाद के रूप में प्रयोग करना, पार्क के अंदर दौड़ने पैदल चलने बैठने सबमर्सिबिल एवं हैंड पंप के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था हेतु विद्युत विभाग से मीटर लगाया जाना और उसके वितरण के साथ-साथ उसकी लागत तथा उसके अनुसांगिक का विवरण रखना होगा।

योग एवं व्यायाम के लिए ग्रीन ग्रास का विवरण रखना पार्क में डस्टबिन फर्नीचर शौचालय मूत्रालय के साफ सफाई एवं रखरखाव की जिम्मेदारी संस्था की होगी। अंगीकृत करने वाली संस्था निकाय की सहमति से 20 दिन के लिए पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन कर सकती है तथा संस्था द्वारा इस आयोजन को करने के लिए जो फीस रखी जाएगी उसका अनुमोदन नगर निकाय से पूर्व में प्राप्त करना होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि इस दशा में पार्क के अंदर आयोजित किए जा सकेंगे जब वहां पर खुले एम फी थिएटर उपलब्ध हो।

संस्था द्वारा समय-समय पर पार्क के अंदर शौचालय की निरंतर स्वच्छता तथा उसका स्वच्छता सुनिश्चित करना होगा। शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही अवस्थित पार्कों के रखरखाव व उनके सौंदर्यीकरण के लिए शासन ने पहल की है जिसके तहत पार्कों को विकसित एवं रख रखाव हेतु अंगीकृत करने का अधिकार जिलाधिकारी नगर आयुक्त को होगा नगरीय निकाय द्वारा अंगीकृत संस्था के साथ किए गए अनुबंध में वर्णित सेवा शर्तों को पालन किए जाने के उद्देश्य से एक नोडल अधिकारी की नियुक्त की जाएगी जो कि समय-समय पर अनुबंध में दी गई सेवा शर्तों का नियमित पालन सुनिश्चित करेंगे तथा नोडल अधिकारी द्वारा प्राप्त रिपोर्ट को नगरीय निकाय में सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। शासन की यह पहल यदि कारगर साबित हुई तो बिना देख रेख के बदहाल होते शहर के पार्को का सौंदर्यीकरण होगा तथा वायु प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।

पार्कों के रखरखाव का अधिकार 3 वर्ष का होगा
प्रमुख सचिव ने दिए गए पत्र में नगरीय निकायों द्वारा पार्कों के रख – रखाव का अधिकार 3 वर्ष की सीमित अवधि के लिए दिया जाएगा एवं अनुबंध को निकाय द्वारा संतोषजनक कार्य के आधार पर समय-समय को बढ़ाया जा सकता है। नगरीय निकायों द्वारा प्रदान की गई स्वीकृत के साथ अंगीकृत करने की अवधि को अतिरिक्त 3 वर्ष की वृद्धि के साथ-साथ पार्क के रखरखाव एवं अन्य शर्तों को भी बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ-साथ लोगों के मध्य अपने उत्तरदायित्व भावना तथा सहभागिता के आधार पर पार्कों के विकास एवं उसका रख – रखाव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मार्केट एसोसिएशन और अन्य संस्थाओं के द्वारा किया जा सकता है। आर डब्ल्यूए को अपने सोसाइटी के अंदर तथा उससे आसपास के पार्क ही रखरखाव के लिए दिए जाएंगे।

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