- भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया से दैनिक अथाह की विशेष बातचीत
- भाजपा कार्यकर्ताओं को निराश होने की नहीं अधिक मेहनत करने की आवश्यकता: भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष
- रालोद गठबंधन के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्राण पण से काम किया, हो सकता है उतने प्राण पण से रालोद कार्यकर्ता काम न कर पाये हों: सिसौदिया
- रालोद नेताओं ने मजबूती से काम किया, आगे भी जारी रहेगा गठबंधन: सत्येंद्र सिसौदिया
- योगी आदित्यनाथ के राज में देश में सबसे बेहतर कानून व्यवस्था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को
- संविधान- आरक्षण खत्म करने का भय दिखाकर सपा- कांग्रेस ने जनता में भय उत्पन्न किया: भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष
देश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद रविवार को भाजपा एवं राजग संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। इस बार लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन, रालोद से गठबंधन समेत अन्य मुद्दों पर दैनिक अथाह के संपादक अशोक ओझा ने भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया से खुलकर बात की।
प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश
सत्येंद्र सिसौदिया से जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को इस बार पहले से कम 36 सीटें मिली है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 14 में से सात सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, इसका क्या कारण है। इस पर उन्होंने कहा पउप्र में 14 सीटें है और जिसमें से भाजपा एवं राजग गठबंधन को सात सीटें मिली। 2019 में भी हमने सात सीटें ही जीती थी। उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं को निराश होने की आवश्यकता नहीं है, कार्यकर्ताओं को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा हमने इस बार लक्ष्य बढ़ा लिया था, उप्र में 80 में से 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा और 36 सीटें आई। इसका मतलब ट्रैक रिकार्ड खराब नहीं है। आगे और मेहनत करेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया था। इसी कारण कार्यकर्ता अति उत्साह में आ गये कि सभी सीटें आसानी से जीत जायेंगे। उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्साह के साथ काम किया है। इसके साथ ही संघ ने भी पूरे मेहनत से काम किया।
क्या कारण रहा कि लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया? इस सवाल के जवाब में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण विपक्ष कांग्र्रेस- सपा ने मतदाताओं को भ्रमित करने का काम किया। उन्होंने जनता को गुमराह करने का काम किया। एक लाख रुपये प्रति वर्ष का प्रलोभन साढ़े आठ हजार रुपये खटाखट खाते में आयेंगे, 400 सीट आने पर भाजपा संविधान और आरक्षण को खत्म कर देगी इससे मतदाताओं में भ्रम उत्पन्न हुआ। हालांकि सभी जानते हैं कि कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा सपा का 2027 में उत्तर प्रदेश से सफाया हो जायेगा। जिन लोगों से इन्होंने झूठ बोलने का काम किया ये ही इनका मुंह काला करने का काम करेंगे।
यदि पिछले रिकार्ड को देखें तो रालोद से भाजपा ने जब जब गठबंधन किया उसका लाभ रालोद को हुआ, भाजपा को नुकसान हुआ? इस पर सत्येंद्र सिसौदिया ने कहा कि भाजपा ने गठबंधन धर्म निभाया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्राण पण से रालोद को चुनाव लड़वाया, हो सकता है कि जिस प्राण पण से भाजपा कार्यकर्ता लगा उस प्राण पण से रालोद का कार्यकर्ता नहीं लग पाया जिस कारण जितना लाभ हमें मिलना चाहिये था उतना लाभ हमें नहीं मिल पाया। हमें इसका कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा कि रालोद नेताओं ने भरसक प्रयास किया, लेकिन उसे वोट में तब्दील करवा पाना इतना आसान नहीं हो पाया। उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा- रालोद गठबंधन जारी रहेगा तथा और बेहतर प्रदर्शन करेगा।
जनता के जेहन में एक सवाल तैर रहा था कि भाजपा को 400 सीटें मिलने के बाद उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाया जायेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने पर यह बात खुलकर कही, क्या इसका भी नुकसान हुआ? इस पर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की बात में कोई सत्यता नहीं है। उप्र की योगी सरकार ने देश में सबसे बेहतर कानून व्यवस्था दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप विकास के क्षेत्र में उप्र ने नये आयाम स्थापित किये हैं। पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन- रात काम कर रहे हैं। यह विपक्ष का षड़यंत्र था, भ्रामक बातें की गई जिससे योगी आदित्यनाथ को चाहने वाले नाराज हो जायें।
इस चुनाव में पिछड़ा और दलित समाज भाजपा से छिटका है इसका क्या कारण है? इस पर भाजपा नेता सत्येंद्र सिसौदिया ने कहा कि विपक्ष ने संविधान- आरक्षण खत्म करने का भय दिखाकर, दस किलो अनाज देने की बात कह कर जनता को भ्रमित किया, लेकिन जनता अब इनकी बातों को समझ गई है।
लोकसभा चुनाव के बाद उप्र संगठन और जिलों में क्या बदलाव होगा? इस पर सत्येंद्र सिसौदिया ने कहा कि भूपेंद्र सिंह चौधरी को स्वतंत्र देव सिंह को मंत्री बनाने के बाद उनके बचे हुए कार्यकाल के लिए अध्यक्ष बनाया गया था। उप्र अध्यक्ष या किसी भी प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल राष्टÑीय अध्यक्ष के कार्यकाल से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ् एवं भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी मेहनती कार्यकर्ता को आगे लाने का काम करते हैं। मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता को इन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाने का काम किया। अभी बदलाव जैसी कोई बात नहीं है।
भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सत्येंद्र सिसौदिया ने बूथ अध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष होते हुए क्षेत्रीय अध्यक्ष तक का सफर तय किया है। इस चुनाव में भी उन्होंने पहले चरण से लेकर सातवें चरण तक मेहनत की है। पश्चिम के साथ ही लखनऊ, मिर्जापुर, भदौही जैसी सीटों पर उन्होंने काम किया। मिर्जापुर और भदोही सीटों पर परचम फहराने में इनकी विशेष भूमिका रही है।