Dainik Athah

समाज का दिया लौटाना हर व्यक्ति का दायित्व : सिन्हा

सिविल सर्विस में चयनित मेधावी युवाओं को संगत -पंगत ने किया सम्मानित

थाह ब्यूरो
नई दिल्ली
। संगत – पंगत के संस्थापक, अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि समाज हमारी परवरिश से लेकर हमारी अंतिम यात्रा तक हमेशा मददगार रहता है। ऐसी स्थिति में हमारा भी दायित्व बनता है कि एक उचित मुकाम हासिल कर लेने के बाद हम समाज की बेहतरी के लिए जितना कर सकते हैं जरूर करें, समाज को उसका दिया हुआ लौटाएं। श्री सिन्हा आज यहाँ इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संगत-पंगत द्वारा आयोजित भव्य सम्मान समारोह में सिविल सर्विस परीक्षा 2024 में सफल हुए कायस्थ समाज के 15 अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को सम्मानित करते हुए बोल रहे थे।
सिन्हा ने कहा कि इन सभी युवाओं का चयन आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसे उच्च पदों के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि संगत- पंगत कोई राजनीतिक दल अथवा संगठन नहीं बल्कि एक अभियान है जो अपने समाज के हितकारी कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है। हम अवसर ट्रस्ट के माध्यम से गरीब मेधावी बच्चों के मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करते हैं। इस बात पर कोई संशय नहीं है कि यह सभी नए चयनित बच्चे कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़निश्चय के बल पर इस मुकाम पर पहुंचे हैं। संगत-पंगत की ओर से यह कार्यक्रम इन सभी बच्चों के लिए और उनके परिवार के लिए एक सम्मान और गौरव की बात है।
स्वागत भाषण देते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी उदय सहाय ने कहा कि बिना अपनी जड़ से जुड़े ऊंची उड़ान नहीं भर सकते। सम्मान समारोह में रिजू श्रीवास्तव, हर्षित श्रीवास्तव, प्रखर कुमार, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, आकाश श्रीवास्तव, मयंक खरे, आयुश श्रीवास्तव, सुरभि श्रीवास्तव, रितिका वर्मा, शिवांगी श्रीवास्तव, अनन्या श्रीवास्तव, दीप्ती मोनाली, ऐना सिन्हा को सम्मानित किया गया।
इस सम्मान समारोह में कई वर्तमान एवं पूर्व आईएएस और आईपीएस उपस्थित थे। मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस यूके सिन्हा थे, वहीं विशिष्ट अतिथियों में उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, प्रधानमंत्री संग्रहालय के महानिदेशक आईएएस एसएन सहाय, भूतपूर्व आईपीएस उदय सहाय, भूतपूर्व आईपीएस आमोद कंठ, भूतपूर्व आईपीएस मंजरी जरुहार, भूतपूर्व आईएएस अलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर मक्खन लाल, नीरा शास्त्री एवं चक्रपाणी महाराज उपस्थित थे।
इस अवसर पर चयनित अधिकारियों ने उपस्थित जनसमूह के समक्ष अपनी संघर्ष यात्रा के अनुभवों को साझा किया। धन्यवाद ज्ञापन रत्ना सिन्हा ने किया।


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